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देश से तीन बड़े नासूर उखाड़ फेंके, कश्मीर से पूर्वोत्तर तक... राज्यसभा में गरजे अमित शाह; एक-एक कर गिनाए काम

अमित शाह ने कहा कि 10 साल पहले आतंकवादियों का महिमामंडन आम बात थी और उनके जनाजे निकाले जाते थे, लेकिन अब जब आतंकवादी मारे जाते हैं तो उन्हें वहीं दफना दिया जाता है.

नई दिल्ली:

राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज को लेकर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद, नक्सलवाद, कश्मीर और पूर्वोत्तर में सुरक्षा चिंताओं समेत कई मुद्दों पर सदन को विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की रही है. मोदी सरकार ने उरी और पुलवामा हमलों का 10 दिन के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. गृह मंत्री ने साथ ही राज्यसभा में बड़ा ऐलान किया कि 31 मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद देश से समाप्त हो जाएगा.

अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में आए दिन, पड़ोसी देश से आतंकवादी घुसकर बम धमाके करते थे. एक भी त्योहार ऐसा नहीं होता था, जो चिंता के बगैर मनाया जाता था, लेकिन केंद्र सरकार का रवैया लचीला होता था, बोलने में डर लगता था, चुप्पी साधे जाते थे, वोट बैंक का डर था. पीएम मोदी के आने के बाद आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई.

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अमित शाह ने कहा कि ये तीन नासूर थे- जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व का उग्रवाद. इन समस्याओं के कारण चार दशक में देश के करीब 92 हजार नागरिक मारे गए. इसके बावजूद इन समस्याओं के संपूर्ण उन्मूलन के लिए एक सुनियोजित प्रयास कभी नहीं हुआ था, जो नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद हुआ. आज देश की सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत हुई है. हमारी सरकार ने एक साथ सभी समस्याओं पर वार किया है.

अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से संविधान की धारा 370 को हटाकर मोदी सरकार ने संविधान निर्माताओं के 'एक संविधान, एक ध्वज' सपने को पूरा किया. कश्मीर में सिनेमा हॉल अब शाम में भी खुले रहते हैं. वहां जी-20 की बैठक हुई, मुहर्रम का जुलूस भी निकला. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत की कमी आई है.

कश्मीर में 2019-24 के दौरान 40, 000 सरकारी नौकरियां दी गईं - गृह मंत्री

उन्होंने कहा कि आकर्षक औद्योगिक नीति के कारण, जम्मू-कश्मीर में 12,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 1.1 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. साथ ही वहां 2019-24 के दौरान 40, 000 सरकारी नौकरियां दी गईं.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद उरी और पुलवामा में हमले हुए. हालांकि, 10 दिनों के भीतर ही भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके मुंहतोड़ जवाब दिया. केवल दो देश, अमेरिका और इजरायल, अपनी सुरक्षा और सीमाओं के लिए खड़े होते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को भी इस सूची में शामिल कर लिया.

उन्होंने कहा, "मैं अपने संविधान निर्माताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने अनुच्छेद 370 को अस्थायी बनाया और उसी अनुच्छेद के भीतर इसे हटाने का समाधान प्रदान किया. हालांकि, वोट बैंक की राजनीति ने इसे सुरक्षित रखा, लेकिन 5 अगस्त 2019 को, पीएम मोदी ने इसे हटाने का ऐतिहासिक कदम उठाया, जिससे कश्मीर के शेष भारत के साथ एकीकरण के एक नए युग की शुरुआत हुई."

शहीदों का बलिदान देश कभी भुला नहीं पाएगा - अमित शाह

सदन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने सबसे पहले देश की आजादी के बाद, देश की आंतरिक सुरक्षा को और देश की सरहदों को सुरक्षित करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले राज्य पुलिस और सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के हजारों शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि इनके बलिदान से ही देश आजादी के 76 साल पार कर विश्व में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. मैं बलिदानियों के परिवारजनों को भी मनपूर्वक धन्यवाद करता हूं. उनके सर्वोच्च बलिदान को ये देश, ये सदन कभी भुला नहीं पाएगा.

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अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद भारतीय युवाओं का आतंकवादियों से जुड़ाव लगभग खत्म हो गया है. 10 साल पहले आतंकवादियों का महिमामंडन आम बात थी और उनके जनाजे निकाले जाते थे, लेकिन अब जब आतंकवादी मारे जाते हैं तो उन्हें वहीं दफना दिया जाता है. आतंकवादियों के रिश्तेदार जो कभी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाते थे, उन्हें बेरहमी से सरकारी पदों से हटा दिया गया है, ताकि कड़ा संदेश दिया जा सके.

हम आतंकवादी देखते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं - अमित शाह

गृह मंत्री ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि हिसाब मांगते हैं कि क्या हुआ 370 हटाने का परिणाम. साहब, हिसाब तो उनको दिया जाता है, नजारा तो उनको दिखाया जाता है, जिनकी नजरें साफ हों. जो काला चश्मा पहनकर, आंखें मूंदकर बैठे हैं, उनको विकास नहीं दिखा सकते हैं. पैदल यात्रा निकाली, कश्मीर तक गए, अपने कार्यकर्ताओं के साथ बर्फ की होली खेली और कहा कि दूर से आतंकवादी दिखाई पड़ा था. अरे भाई, जिनकी नजर में आतंकवादी है, तो आपको सपने में भी आएगा और आपको कश्मीर में भी दिखाई पड़ेगा. हम तो आतंकवादी देखते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं. हमारी सरकार न आतंकवाद को सह सकती है और न ही आतंकवादियों को.

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जम्मू-कश्मीर में 33 साल से सिनेमाघर नहीं खुले थे, हमारे समय में खुले - अमित शाह

उन्होंने कहा कि आपके (यूपीए) शासन में जम्मू-कश्मीर में 33 साल से सिनेमाघर नहीं खुले थे, हमारे समय में खुले. ताजिया के जुलूस को अनुमति नहीं थी, हमारे समय में दी गई. जी-20 के दौरान दुनियाभर के डिप्लोमेट शांति से जम्मू कश्मीर गए और वहां का खाना, संस्कृति, खूबसूरती का आनंद उठाया. कई वर्षों से कश्मीर की तिजोरी खाली थी. 2015 में नरेंद्र मोदी ने 80 हजार करोड़ रुपए की 63 परियोजनाओं की शुरुआत की. कुछ लोग मेरे खर्च का हिसाब पूछ रहे थे. अरे भाई, थोड़ा कम हुआ होगा, हमने रखने की हिम्मत तो की, आपके समय में तो खर्च का प्रोविजन ही नहीं था. 80 हजार करोड़ रुपए में से 51 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और 63 में से 53 परियोजनाएं क्रियान्वित हो चुकी हैं.

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