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This Article is From Jul 02, 2015

मुंबई का पई परिवार अपनी बेटी के हत्यारे के लिये गुजरात पुलिस से लगा रहा है गुहार

मुंबई का पई परिवार अपनी बेटी के हत्यारे के लिये गुजरात पुलिस से लगा रहा है गुहार
प्रतीकात्मक तस्वीर
अहमदाबाद: अपनी बेटी की मौत के डेढ़ महीने बाद मुंबई का पई परिवार उनकी बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस के पास गुहार लेकर एक बार फिर से अहमदाबाद आया है।

दरअसल, 13 मई को 37 साल की मंजुला पई सुबह करीब 8.30 बजे अहमदाबाद के राजपथ क्लब के ठीक सामने से जा रही थी, तभी किसी वाहन ने उसे जोरदार टक्कर मारी। इस दुर्घटना में वह बुरी तरह घायल हो गई और तभी सड़क से ही किसी ने एम्बुलेंस को बुलाया और उसे अस्पताल ले जाया गया। मंजुला अहमदाबाद के सेंटर फॉर एन्वायरमेंट एजुकेशन में बतौर लायब्रेरियन काम करती थी।

घटना से ठीक एक दिन पहले पूरा परिवार एक साथ हरिद्वार में छुट्टियां मना रहा था। मंजुला के माता-पिता और बहन को मुंबई की ट्रेन का टिकट मिल गया था, इसलिए वो लोग रात को ट्रेन से निकले थे। लेकिन मंजुला को अहमदाबाद का ट्रेन का टिकट नहीं मिल पाया था, इसलिए वह हवाईयात्रा से पिछली रात ही अहमदाबाद पहुंची थी और सुबह दफ्तर जाते वक्त उसके साथ यह हादसा हो गया।

युवती का परिवार ट्रेन में रास्ते में अभी भोपाल तक ही पहुंचा था कि इस दुर्घटना की खबर उनको मिली। परिवार भोपाल से हवाईयात्रा कर ताबड़तोड़ अहमदाबाद पहुंचा। उनका पूरा ध्यान अपनी बेटी को बचाने में ही रहा। उसके परिवार वालों को यह उम्मीद थी कि पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, इसलिए ज़िम्मेदार लोग पकड़े जाएंगे। लेकिन उसके परिवार को गुजराती भाषा नहीं आती थी, इसलिए भाषा की भी उन्हें वहां तकलीफ हुई।

जब डॉक्टरों ने जवाब दे दिया कि अब उनकी बेटी की बचने की कोई गुंजाइश नहीं है, तब मंजुला की इच्छा के मुताबिक परिवार ने उसकी आंखें और लीवर अन्य व्यक्तियों को डोनेट कर दिए ताकि किसी और की ज़िंदगी बचाई जा सके।

उसका अंतिम संस्कार कर परिवार मुंबई चला गया और इंतज़ार करता रहा कि पुलिस की ओर से जांच की कोई खबर  आएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब उन्हें जानकारी मिली है कि पुलिस ने तो बहुत पहले ही यह मामला बंद कर दिया है, यह कहते हुए कि उन्हें इस मामले में कोई सबूत नहीं मिल पाया है।

अब वह परिवार इंसाफ की मांग को लेकर दोबारा अहमदाबाद पहुंचा है। परिवार का आरोप है कि ये संभव ही नहीं है कि किसी ने देखा न हो, क्योंकि सुबह के वक्त इस रोड पर भारी भीड़ होती है। आरोप ये भी है कि ये घटना ठीक राजपथ क्लब के ठीक सामने हुई, इसके बावजूद सीसीटीवी फुटेज क्यों नहीं मिल रहा है। राजपथ क्लब अहमदाबाद के सबसे बड़ी क्लबों में से एक है, फिर भी पुलिस यह क्यों कह रही है कि उन्हें सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला पाया है।
परिवार को यह भी आरोप है कि आमतौर पर सोफेस्टीकेटेड क्लब होने के बावजूद उसी वक्त का सीसीटीवी फुटेज क्यों मुहैया नहीं हो पाया है।

लेकिन पुलिस का कहना है कि अब तक कोई भी गवाह इस मामले में सामने नहीं आया है। पुलिस ने राजपथ क्लब को सीसीटीवी फुटेज की मांग को लेकर एक पत्र भी लिखा था, लेकिन वहां से जवाब आया कि उस दिन उनके सर्वर में खराबी हो जाने की वजह से उनके पास कोई सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं है।

परिवार का मानना है कि पुलिस अगर इस मामले की गंभीरता से जांच करती, तो वो दूसरी जगहों से भी सीसीटीवी फुटेज ले सकती थी, लेकिन वो इस मामले की जांच के लिए संजीदा नहीं है।

बात सिर्फ पुलिस की नहीं, समाज के लोगों की भी है कि भरी सड़क पर एक महिला के साथ हादसा हो जाता है, उसकी मौत हो जाती है, लेकिन गवाही देने के लिए एक भी व्यक्ति सामने नहीं आता है।

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