
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए अध्यक्ष का चुनाव अगले महीने हो सकता है.सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने इस चुनाव को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष का यह चुनाव जून के तीसरे सप्ताह में हो सकता है. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा फिलहाल पार्टी के अध्यक्ष पद पर हैं. वो जनवरी 2020 में अध्यक्ष बने थे. उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म हो चुका है. इसके बाद से उन्हें कई बार सेवा विस्तार दिया गया है. अब जब नड्डा के उत्तराधिकारी के चुनाव की चर्चा चल रही है तो आइए हम आपको बताते हैं कि बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है और कौन लोग इस चुनाव में मतदान कर सकते हैं.
कैसे होता है बीजेपी के अध्यक्ष का चुनाव
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है. इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य शामिल होते हैं.बीजेपी के संविधान के मुताबिक निर्वाचक मंडल में से कोई भी बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव करते हैं.यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम ऐसे पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव हो चुके हों.नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति भी जरूर होनी चाहिए.

बीजेपी के संविधान में अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया दी हुई है.
बीजेपी के संविधान मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव वही व्यक्ति लड़ सकता है जो कम से कम चार अवधि के लिए पार्टी सक्रिय सदस्य और कम से कम 15 साल तक प्राथमिक सदस्य रहा हो.बीजेपी ने संगठन के कामकाज को आसान बनाने के लिए देश को 36 राज्यों में बांटा हुआ है. बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए जरूरी है कि आधे से अधिक राज्यों के संगठन के चुनाव हो चुके हों. इस समय बीजेपी ने 14 राज्यों के लिए अपने प्रदेश अध्यक्षों का ऐलान कर दिया है. लेकिन उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में अध्यक्ष का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है.
कब-कब हुआ है बीजेपी अध्यक्ष पद का चुनाव
बीजेपी का संविधान अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की बात तो करता है, लेकिन आज तक अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कभी मतदान नहीं हुआ है. हमेशा आम सहमति के आधार पर ही अध्यक्ष का चुनाव होता आया है. इस आम सहमति में आमतौर पर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सहमति शामिल होती है.

जेपी नड्डा को जनवरी 2020 में बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था. उनका कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म हो गया था.
बीजेपी संविधान के मुताबिक अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल के लिए होता है. जब नितिन गडकरी बीजेपी अध्यक्ष थे तो पार्टी के संविधान में एक संशोधन किया गया था. इसमें यह जोड़ा गया था कि अध्यक्ष को दो कार्यकाल दिया जा सकता है. इसका फायदा गडकरी को भी नहीं मिला था. वहीं बीजेपी ने जेपी नड्डा को एक्सटेंशन तो दिया है, लेकिन उन्हें अबतक दूसरा कार्यकाल नहीं दिया गया है, जबकि उनका कार्यकाल करीब ढ़ाई साल पहले ही खत्म हो चुका है. वहीं बीजेपी ने एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत लागू होता है. लेकिन नड्डा बीजेपी अध्यक्ष के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पद भी संभाल रहे हैं. ऐसे वो अकेले नहीं हैं, बीजेपी के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी इसी श्रेणी में हैं. वो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ केंद्रीय राज्यमंत्री के पद पर भी हैं.
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