- हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में बादल फटने की त्रासदी आई, जिससे 90 से अधिक लोगों की मौत और भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.
- राज्य में 249 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 207 सड़कें लैंडस्लाइड के कारण मंडी जिले में प्रभावित हुई हैं, जिससे यातायात बाधित हुआ है.
- 20 जून से शुरू हुए मॉनसून के कारण अब तक 751 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी है.
हिमाचल प्रदेश के मंडी पिछले दिनों एक ऐसी तबाही आई जिसे भुला पाना यहां के लोगों के लिए काफी मुश्किल होने वाला है. लेकिन फिर भी लोगों की हिम्मत और जज्बे को सलाम कि वो बादल फटने की त्रासदी को भूलकर आगे बढ़ने की कोशिशों में लग गए हैं. मंडी में अभी भी स्थिति सामान्य नहीं है. राज्य में बारिश के कहर की वजह से कुल 249 सड़कें बंद हैं जिनमें से 207 सड़कें लैंडस्लाइड से प्रभावित मंडी जिले में ही हैं. 20 जून को राज्य में मॉनसून की एंट्री हुई थी और अब तक 751 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
कोने-कोने से मिल रही मदद
हिमाचल प्रदेश का मंडी वजह जिला है जिसने 10 से ज्यादा बादल फटने की आपदा को झेला है. राज्य में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई तो कई लोग बेघर हो गए, किसी ने अपने माता-पिता को खो दिया तो किसी के घर का जो एकमात्र सहारा था, उसे कुदरत ने उनसे छीन लिया. लेकिन इस घड़ी में भी मंडी और आसपास के इलाकों में इंसानियत की एक खूबसूरत मिसाल देखने को मिल रही है. हिमाचल को इस मुश्किल की घड़ी में भी लोगों ने अकेला नहीं छोड़ा है. इस त्रासदी के बीच उम्मीद की किरण बनकर देश के कोने-कोने से लोग मदद के लिए आगे आए हैं. हर कोई अपने-अपने तरीकों से लोगों की मदद करने में लग गया है. हर किसी की कोशिश सिर्फ एक ही है कि इस मुसीबत को पीछे छोड़कर हिमाचल फिर से खड़ा हो सके.
'कभी नहीं देखा था ऐसा मंजर'
थुनांग से ऊपर त्रासदी को लोगों को भूल नहीं पा रहे हैं. उनका कहना है कि इतने सालों में उन्होंने कभी भी हिमाचल में ऐसी आफत नहीं देखी थी. 65 साल की कली देवी की आंखों में बात करते ही आंसू आ गए. उन्होंने कहा, 'सारा संसार परमात्मा की देन है. हमें इस मुसीबत में भी जगह-जगह से लोगों मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं. उन सभी का मैं धन्यवाद कहती हूं.' उन्होंने कहा कि आज तक उनके इलाके में कभी ऐसा नहीं हुआ था. उनका कहना था कि हिमाचल बहुत हिम्मती है और फिर से आगे बढ़ेगा.
थुनांग के अलावा हिमाचल के कुछ और गांव जैसे दारपा में किसान रुपये पैसे से लेकर हर तरह के सामान से पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. कली देवी ने बताया कि उन्हें सब तरह की मदद मिल रही है. वहीं हिमाचल की लोकगायिका ममता भारद्वाज ने बताया कि पंजाब से लेकर हरियाणा और मुंबई तक के लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं.
मौसम बना हुआ है बेरहम
स्थानीय मौसम विभाग ने 18 जुलाई तक राज्य के 12 जिलों में से चार से दस जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' जारी किया है. मॉनसून की शुरुआत के बाद से, 92 लोगों की मौत हो चुकी है - 56 बारिश से संबंधित घटनाओं में और 36 सड़क दुर्घटनाओं में - और 172 घायल हुए हैं, जबकि 33 लापता हैं. 30 जून और 1 जुलाई की आधी रात को मंडी के अलग-अलग हिस्सों में 10 जगहों पर बादल फटे, इसकी वजह से अचानक बाढ़ आई और लैंडस्लाइड भी हुआ. बाढ़ औश्र भूस्खलन की घटनाओं में बह गए 27 लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान अभी भी जारी है, जिसके परिणामस्वरूप 15 लोगों की मौत हो गई.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं