
हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित विमल नेगी मौत मामले (Vimal Negi Death Case) की जांच को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस अजय मोहन गोयल की अदालत ने ये फैसला सुनाया. स्वर्गीय विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने पुलिस जांच पर प्रश्न उठाए थे. उन्होंने हाई कोर्ट से निष्पक्ष जांच के लिए मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने की गुहार लगाई थी. कोर्ट ने ACS होम ओंकार शर्मा, डीजीपी हिमाचल और शिमला पुलिस की SIT की जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए मामला सीबीआई को ट्रांसफर किया है.
CBI करेगी विमल नेगी मौत मामले की जांच
अदालत ने आदेश दिए हैं कि सीबीआई जांच टीम में हिमाचल कैडर का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं होगा. मामले में एसीएस और डीजीपी की स्टेटस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए जांच को सीबीआई को सौंपने के आदेश जारी किए हैं. अदालत ने मामले में शिमला पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि महीने बीत जाने पर भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची. एसीएस और डीजीपी की रिपोर्ट में पावर कॉर्पोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, निलंबित निदेशक देशराज पर गंभीर आरोप लगे हैं.

(विमल नेगी)
मामले को दबाने की कोशिश का आरोप
विमल नेगी के परिवार वालों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा की सच्चाई की जीत हुई है. सीबीआई मामले की निष्पक्ष जांच करेगी और परिवार को न्याय मिलेगा. परिवार का आरोप है कि सरकार ने मामले को दबाने की कोशिश की और शिमला पुलिस ने भी जांच को अलग दिशा देने का काम किया. विमल नेगी के भाई का आरोप है कि ये आत्महत्या नहीं हत्या का मामला हैं, जिसकी निष्पक्ष जांच अब सीबीआई करेगी.
क्या है विमल नेगी केस?
बता दें कि हिमाचल पॉवर पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च को अचानक लापता हो गए थे. 8 दिन बाद 18 मार्च को उनका शव गोविंद सागर झील से बरामद हुआ था. शव मिलने के बाद परिजनों ने इसे आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या करार देते हुए पॉवर पावर कॉर्पोरेशन मुख्यालय, शिमला में वरोध-प्रदर्शन किया था. इस दौरान सरकार के 4 मंत्री मौके पर पहुंचे थे और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था.
विमल नेगी केस में अब तक क्या हुआ?
विमल नेगी की मौत के बाद सरकार ने पावर कॉर्पोरेशन के निदेशक देशराज को सस्पेंड कर दिया था और एमडी हरिकेश मीणा को पद से हटा दिया था. इन दोनों के खिलाफ शिमला पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. देशराज को सुप्रीम कोर्ट से और हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.इस बीच, राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा कमेटी और शिमला पुलिस की एसआईटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया कि जांच में बड़े अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. अब सीबीआई विमल नेगी की मौत और हिमाचल पॉवर कॉरपोरेशन में गड़बड़ी से पर्दा उठाएगी.
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