भारत के शहरी क्षेत्रों में जनवरी-मार्च 2024 के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर पिछले वर्ष की समान अवधि में 6.8 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत हो गई, जो निरंतर सुधार को दर्शाता है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मार्च तिमाही में शहरी क्षेत्रों में 15-29 आयु वर्ग में केरल में बेरोजगारी दर सबसे अधिक थी, जबकि 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में बेरोजगारी दर सबसे कम थी.
सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाले राज्य
सर्वेक्षण के अनुसार 15-29 वर्ष की श्रेणी में सबसे अधिक बेरोजगारी दर वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा शामिल थे. इस अवधि (जनवरी-मार्च 2024) में इस श्रेणी की कुल बेरोजगारी दर 17% थी, जो अक्टूबर-दिसंबर अवधि में 16.5% से अधिक है और जनवरी-मार्च 2023 की तुलना में 17.3% से थोड़ा कम है.
22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से तीन में बेरोजगारी दर एकल अंक में दर्ज की गई - दिल्ली (3.1%), गुजरात (9%) और हरियाणा (9.5%). कम बेरोजगारी दर वाले पांच राज्यों में से अन्य दो राज्य कर्नाटक (11.5%) और मध्य प्रदेश (12.1%) है.
काफी समय से 15-29 आयु वर्ग में डबल डिजिट बेरोजगारी दर देखी जा रही थी, कोविड-19 महामारी के दौरान इस दर में तेजी से वृद्धि हुई थी. कोविड के बाद इसमें थोड़ा सुधार देखा गया है.
जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक महिला बेरोजगारी
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक 48.6% थी, इसके बाद केरल (46.6%), उत्तराखंड (39.4%), तेलंगाना (38.4%) और हिमाचल प्रदेश (35.9%) थे. जनवरी-मार्च तिमाही में कुल महिला बेरोजगारी दर 22.7% थी, जो अक्टूबर-दिसंबर अवधि में 22.5% से थोड़ी अधिक और जनवरी-मार्च 2023 में 22.9% से थोड़ी कम थी.
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