उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को सपा विधायक डॉक्टर रागिनी और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक में मजकर बहस हुई. सपा विधायक ने जौनपुर के मेडिकल कॉलेज की बदहाली और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल पूछा था.इसके जबाव में पाठक ने कहा कि जौनपुर का मेडिकल कॉलेज सपा की सरकार में बनना शुरू हुआ था. उसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार की जांच करवा रही है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. उनके इस जवाब पर सपा के विधायकों ने हंगामा कर दिया. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने किसी को भी बोलने की अनुमति नहीं दी.
सपा विधायक ने क्या सवाल पूछा था
मछलीशहर की विधायक डॉक्टर रागिनी ने जौनपुर के मेडिकल कॉलेज का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का रटा-रटाया जवाब देती है. उन्होंने कहा कि सरकार हर सवाल के जवाब में एक ही जवाब देती है कि हमनें इतने जिला अस्पताल, इतने मेडिकल कॉलेज, इतने डायलिसिस मशीनें और इतनी एंबुलेंस दिए हैं.इसके बाद उन्होंने जौनपुर के मेडिकल कॉलेज की कुछ तस्वीरें दिखाकर वहां की बदहाली का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि कॉलेज में काला पानी तैर रहा है. बिल्डिंग्स बनने से पहले ही खंडहर हो चुकी हैं. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट धरना दे रहे थे. उन्होंने कहा कि उन छात्रों के पास न बिजली है न पानी है. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में लगातार तीन बार सरकार बनने के बाद भी अगर यह स्थिति है तो यह शर्मनाक है.
'मरीजों को क्या ठीक करेंगे, हमारे तो डॉक्टर बीमार हो रहे हैं..'
— NDTV India (@ndtvindia) July 29, 2024
UP विधानसभा में सपा विधायक रागिनी सोनकर ने स्वास्थ्य मंत्री पर साधा निशाना.#UttarPradesh । #RaginiSonkar । #Health pic.twitter.com/gUliKbS0FP
इसके साथ ही उन्होंने गरीब और गंभीर रूप से बीमार लोगों को समय पर सही इलाज कराने के लिए प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों को पीपीपी (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप)मोड में लाने की अपील की.उन्होंने सवाल पूछा था कि गंभीर रोगों से जूझ रहे गरीब मरीजों के लिए सरकार ने कौन-कौन सी योजनाएं चला रही हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब में क्या कहा
इसके जवाब में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि जौनपुर का मेडिकल कॉलेज समाजवादी पार्टी की सरकार में बनना शुरू हुआ था. उन्होंने कहा था कि मेडिकल कॉलेज बनाने का ठेका टाटा की कंपनी को मिला था. इन लोगों ने टाटा के अधिकारियों पर दबाव बनाकर एक व्यक्ति को ठेका दिलवाया और वह भगोड़ा साबित हुआ.वह काम की गुणवत्ता खराबकर पैसे लूटकर खा गया, उसकी जांच चल रही है.
उपमुख्यमंत्री के इस जवाब पर सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया.सपा के सदस्य कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी.
डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन पर भी उठा सवाल
इसके बाद डॉक्टर रागिनी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि एक समय था जब डायरेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन में डॉक्टर की नियुक्ति होती थी.इस सरकार को लगता है गूगल खोलकर आप डॉक्टर बन जाएंगे और ए टू जेड आपको सब पता चल जाएगा तो यह आपकी गलतफहमी है.डारयेक्टर जनरल ऑफ मेडिकल एजुकेशन जब तक एक डॉक्टर नहीं होगा, तब तक उसे पता नहीं चलेगा कि आपके स्वास्थ्य में व्यवस्था ठीक कैसे होगी.उन्होंने कहा कि इस सरकार में केवल मरीजों का ही नहीं बल्की डॉक्टरों का भी बुरा हाल है. मैं सवाल पूछना चाहती हूं कि क्या सरकार इस पद को बदलकर आईएएस की जगह किसी डॉक्टर को देगी.
इसके जवाब में ब्रजेश पाठक ने कहा कि माननीय सदस्य का सवाल मेडिकल एजुकेशन विभाग का है. लेकिन मैं बता दूं कि उत्तर प्रदेश ने सरकार ने कैबिनेट से यह निर्णय पास किया है.इसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं.कहीं कोई दिक्कत नहीं है. उनके इस जवाब से सपा विधायक संतुष्ट नहीं हुईं.
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