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हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस: आम आदमी को मिलेगी राहत, जानें क्या नहीं होगा महंगा

Health and National Security Cess: सरकार ने यह सेस पान मसाला के प्रोडक्शन पर लगाएगी, जिससे इन प्रोडक्ट पर टैक्स की दरें ऊंची बनी रहेंगी, जिससे लोग इन्हें कम खरीदें.

हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस: आम आदमी को मिलेगी राहत, जानें क्या नहीं होगा महंगा
  • वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस जरूरी वस्तुओं पर नहीं लगाए जाने की घोषणा की
  • नया हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस गुटखा और पान मसाला बनाने वाली मशीनों और प्रोसेस पर लगाया जाएगा
  • जरूरी वस्तुओं जैसे चावल, दाल, दूध, सब्जियां और जीवन रक्षक दवाइयों पर इस सेस से कोई असर नहीं पड़ेगा
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस (Health and National Security Cess) जरूरी या आवश्यक वस्तुओं (Essential Commodities) पर नहीं लगाया जाएगा. इस फैसले से आम आदमी पर महंगाई का बोझ कम होने की उम्मीद है.

क्या है बड़ी बात

सरकार ने देश की स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खर्चों के लिए एक नया 'सेस' लगाने का प्रस्ताव किया है, जिसे 'हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025' के तहत लाया गया है. हालांकि, वित्त मंत्री ने साफ किया कि यह सेस आम आदमी के रोजमर्रा के इस्तेमाल की जरूरी चीजों पर नहीं लगेगा. यह नया सेस गुटखा और पान मसाला जैसे सामान बनाने वाली मशीनों और प्रोसेस पर लगाया जाएगा, जिससे इन पर टैक्स की दरें ऊंची बनी रहें.

क्या-क्या होगा सस्ता?

यह नया सेस आवश्यक वस्तुओं पर नहीं लगाया जा रहा है, इसलिए आम लोगों के लिए इन चीजों की कीमतें नहीं बढ़ेंगी. यह एक तरह की राहत है, क्योंकि अगर सेस लगता तो इनकी कीमतें बढ़ सकती थी. जरूरी चीजों की श्रेणी में आमतौर पर ये चीजें आती हैं-

  • चावल, दाल, आटा, नमक, चीनी, दूध, सब्जियां, फल.
  • जीवन रक्षक और जरूरी दवाइयां.
  • साबुन, तेल, टूथपेस्ट और दूसरी दैनिक उपयोग की चीजें.
हेल्थ और नेशनल सिक्योरिटी सेस के लागू होने के बावजूद आपके घर का किराना सामान, दाल-चावल, दूध या जरूरी दवाइयां महंगी नहीं होंगी. सरकार ने साफ कहा है कि लोगों की बुनियादी जरूरतों पर कोई अलग से बोझ नहीं पड़ेगा.

पुराने सेस की जगह

यह बिल जीएसटी कंपनसेशन सेस (GST Compensation Cess) की जगह लेगा, जिसकी समय सीमा मार्च 2026 में खत्म हो रही है. इस पुराने सेस का इस्तेमाल अभी तक राज्यों के राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए किया जा रहा था.

सेस क्यों लगाया जा रहा?

सरकार ने यह सेस पान मसाला के प्रोडक्शन पर लगाएगी, जिससे इन प्रोडक्ट पर टैक्स की दरें ऊंची बनी रहेंगी, जिससे लोग इन्हें कम खरीदें. इससे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले इन उत्पादों की खपत कम करने में मदद मिलेगी और जो रेवेन्यू आएगा, उसका इस्तेमाल देश की स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को फंड करने में किया जाएगा.

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