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10 साल से देख रहे हैं तमाशा, आतिशी अगर दिल्ली को पानी नहीं दे सकतीं तो इस्तीफा दें : अलका लांबा

अलका लांबा ने कहा कि आतिशी जहां पर सत्याग्रह कर रही हैं, वहां पर शनिवार को कुछ महिलाओं ने उनसे मुलाकात करनी चाही, तो मंच खाली नजर आया.

10 साल से देख रहे हैं तमाशा, आतिशी अगर दिल्ली को पानी नहीं दे सकतीं तो इस्तीफा दें : अलका लांबा
नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी इन दिनों पानी की किल्लत को लेकर सत्याग्रह कर रही हैं. आतिशी के इस सत्याग्रह पर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने आरोप लगाया है कि पानी सत्याग्रह का मंच खाली है और मंत्री गायब हैं. वह मंच के पीछे एसी वाले कमरे में आराम फरमा रही हैं. 

मंच खाली रहता है!

अलका लांबा ने कहा कि आतिशी जहां पर सत्याग्रह कर रही हैं, वहां पर शनिवार को कुछ महिलाओं ने उनसे मुलाकात करनी चाही, तो मंच खाली नजर आया. मंत्री जी मंच के पीछे एसी में आराम फरमा रही हैं. मीडिया के लोग जब आएंगे तब वह मंच पर आ जाएंगी. मैं उनको एक सुझाव देना चाहती हूं कि अगर आप दिल्ली की जनता को पानी नहीं दे सकती तो इस्तीफा दे दीजिए, क्योंकि सरकार आपकी है, मंत्री आप हैं.

भाजा भी जिम्मेदार है

उन्होंने कहा कि भाजपा में जितने भी नेता और सांसद हैं, उनसे भी मैं कहना चाहती हूं कि दिल्ली केंद्र शासित राज्य है, गृह मंत्रालय के अधीन आता है. दिल्ली के प्रति केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भी जिम्मेदारी बनती है. मुझे लगता है कि सारे काम को छोड़कर आपकी प्राथमिकता जनता को पानी देना होनी चाहिए. इसके लिए अगर जरूरत है तो हरियाणा के मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार के मंत्री, एलजी को बुलाईए, लेकिन दिल्ली की जनता को पानी दिजिए.

10 साल से आप की सरकार

आतिशी पर हमला तेज करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार में जिन लोगों की जिम्मेदारी पानी देने की है, वही लोग धरने पर जाकर बैठ गए हैं. ये तमाशा हम पिछले दस सालों से देख रहे हैं. हवाएं जहरीली हुई तो पंजाब के सिर पर ठीकरा फोड़ दिया. दिल्ली में पानी के लिए लोग त्राहिमाम कर रहे हैं तो हरियाणा पर ठीकरा फोड़ दिया. पिछले दस साल से इन्हीं की सरकार है, इसके बाद भी इन्होंने समस्याओं का हल नहीं किया. मुद्दों को हल करने के बजाए इस पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है. दिल्ली की जनता को पानी दिलाने की लड़ाई हम लड़ेंगे.

सिविल डिफेंस के जुड़े लोगों को भाजपा का एजेंट बताए जाने पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो यह गलत बात है. पहले उनकी सच्चाई जानिए, अगर वो सिविल डिफेंस में नहीं थे तो आप उनकी सच्चाई सामने लाईए.

उन्होंने कहा कि हर कोई अपना हक मांगता है. किसान अपने हक की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे तो भाजपा वाले उनको खालिस्तानी बता रहे थे और अब सिविल डिफेंस के लोग आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं तो उनको भाजपा का एजेंट बता रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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