![हाथरस में 121 मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन ? NDTV पूछता है ये 7 सवाल हाथरस में 121 मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन ? NDTV पूछता है ये 7 सवाल](https://c.ndtvimg.com/2024-07/s51cbpho_hathras-stampede_625x300_03_July_24.jpeg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
हाथरस हादसे में मरने वालों की संख्या 121 हो गई है. अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि इन सभी मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है ? हम भले इसके लिए प्रशासन या आयोजक को जिम्मेदार ठहरा दें लेकिन ये करने से उन लोगों के परिजन दोबारा घर वापस नहीं आ जाएंगे जिन्होंने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है. हालांकि, इस घटना के सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच कमेटी का गठन किया है. जांच कमेटी की रिपोर्ट जब आएगी तब ये पुख्ता तौर पर पता चल पाएगा कि आखिर इस हादसे के पीछे किसकी चूक थी लेकिन उससे पहले NDTV इस घटना को लेकर सात बड़े सवाल पूछ रहा है.
![Latest and Breaking News on NDTV Latest and Breaking News on NDTV](https://c.ndtvimg.com/2024-07/vrtkm8r_hathras-stampede_625x300_03_July_24.jpeg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
सवाल 1: 80 हजार की इजाजत, 3 लाख की भीड़ कैसे पहुंची ?
अभी तक की जांच में पता चला है कि स्थानीय एसडीएम ने इस सत्संग में शामिल होने के लिए 80 हजार लोंगो के जमावड़े को ही इजाजत दी थी. लेकिन जांच में पता चला है कि जिस समय हाथरस में ये घटना घटी उस दौरान सत्संग स्थल पर 3 लाख की भीड़ मौजूद थी. क्या ये स्थानीय प्रशासन की लापरवाही नहीं है? क्या इसके लिए अगर समय रहते आयोजकों से सवाल जवाब किए जाते तो इस घटना को टाला जा सकता था? ये वो सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहेगा.
सवाल 2: सत्संग के लिए प्रशासन के इंतज़ाम नाकाफ़ी क्यों?
NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट में हाथरस के सत्संग में मौजूद लोगों ने माना है कि सत्संग स्थल पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस की तैनाती की गई थी. लेकिन उनका ये भी कहना है कि जितनी भीड़ उस समय वहां मौजूद थी, उन्हें नियंत्रित करने के लिए जितने पुलिसकर्मी वहां तैनात किए गए थे वो नाकाफी थे. ऐसे में सवाल ये है कि क्या प्रशासन ने आने वाली भीड़ का अनुमान गलत लगाया था. और उसी के हिसाब से जिस तरह के बंदोबस्त होने चाहिए थे वो नहीं किए गए ?
![Latest and Breaking News on NDTV Latest and Breaking News on NDTV](https://c.ndtvimg.com/2024-07/vabur9b8_hathras_625x300_03_July_24.jpg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
सवाल 3 : लाखों की भीड़ के लिए सिर्फ़ 40 पुलिसवाले क्यों?
हाथरस की ग्राउंड रिपोर्टिंग करते समय NDTV को जो जानकारी मिली, उसके मुताबिक सत्संग स्थल पर महज 40 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. मतलब ये हुआ कि जो तीन लाख लोग सत्संग स्थल पर मौजूद थे, उन्हें नियंत्रित करने के लिए 40 पुलिसकर्मियों की ही तैनाती की गई थी. यानी प्रत्येक पुलिसकर्मी को 7500 भक्तों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी थी. ऐसे में ये एक बड़ा सवाल है कि आखिर ये कैसे संभव था ? क्या कोई एक पुलिसकर्मी 7500 से लोगों को एक साथ एक समय पर एक ही जगह पर नियंत्रित कर सकता है ? क्या प्रशासन ने इस सत्संग को लेकर बड़ी लापरवाही नहीं बरती है ?
सवाल 4: मेडिकल टीम, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड नदारद क्यों?
ऐसे बड़े आयोजन को देखते हुए प्रशासन की तरफ से मौके पर मेडिकल टीम, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी बुनियादी सुविधाएं मौके पर मौजूद कराई जाती हैं. लेकिन हाथरस के सत्संग के दौरान जब यह हादसा हुआ तो उस दौरान मेडिकल टीम, एंबुलेंस और फायद ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर मौजूद नहीं थी.
![Latest and Breaking News on NDTV Latest and Breaking News on NDTV](https://c.ndtvimg.com/2024-07/s51cbpho_hathras-stampede_625x300_03_July_24.jpeg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=1200,height=738)
सवाल 5: इतनी बड़ी भीड़ फिर भी खाने-पीने, पंखे-कूलर का इंतज़ाम क्यों नहीं?
सत्संग स्थल की जो तस्वीरें निकलकर सामने आई हैं उससे ये तो साफ है कि घटनास्थल पर खाने-पीने, पंखे-कूलर का कोई इंतजाम नहीं दिख रहा है. ऐसे में इतनी गर्मी के बीच इतने सारे लोगों को एक जगह पर इकट्ठा होने से कई लोगों की तबीयत बिगड़ने की भी खबरें हैं.
सवाल 6: सत्संग की जगह के लिए एंट्री और एग़्जिट प्वाइंट क्यों नहीं?
इस हादसे को लेकर सबसे बड़ी लापरवाही जो सामने आई है वो ये है कि आयोजन स्थल पर सत्संग में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट ही नहीं बनाया गया था. ऐसे में जब भगदड़ मची तो ज्यादातर भक्त एक ही दिशा में भागने लगे, किसी को इसकी जानकारी नही थी कि आखिर वहां से निकलने का सही रास्ता कौन सा है. इस वजह से ही कई लोग गड्ढ़ों में गिर गए.
सवाल 7: जब पहले भी बाबा के ख़िलाफ़ शिकायत तो कार्रवाई क्यों नहीं?
इस हादसे के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया है. लेकिन चौंकाने वाले बात ये है कि जो एफआईआर की गई है उसमें भोला बाबा का नाम नहीं है. हालांकि, कहा जा रहा है कि जब इस हादसे को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी तो उस दौरान बाबा का नाम उसमें था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं