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Hathras Stamped

'Hathras Stamped' - 6 News Result(s)
  • 121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

    121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

    हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.

  • भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार

    भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार

    राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.

  • हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

    हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

    उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं? 

  • 121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

    121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

    भीड़ में विवेक नहीं होता... भीड़ भेड़ चाल में चलती है... यदि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो उसके अनुशासन तोड़ने में भी देर नहीं लगती. हाथरस (Hathras) में भीड़ के बेकाबू होने से बड़ा हादसा हुआ. इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई. ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति चिंता में डालने वाली है. देश में खास तौर पर धार्मिक आयोजनों में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मैकेनिज्म विकसित नहीं हो सका है. यदि कोई व्यवस्था है भी तो, उसको लेकर प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बजाय लापरवाही, सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बनती है.

  • हाथरस में 121 मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन ? NDTV पूछता है ये 7 सवाल

    हाथरस में 121 मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन ? NDTV पूछता है ये 7 सवाल

    ऐसे बड़े आयोजन को देखते हुए प्रशासन की तरफ से मौके पर मेडिकल टीम, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी बुनियादी सुविधाएं मौके पर मौजूद कराई जाती हैं. लेकिन हाथरस के सत्संग के दौरान जब यह हादसा हुआ तो उस दौरान ऐसी कोई व्यवस्था वहां नहीं थी.

  • सबको पता है 'सज्जन' का फोटो किसके साथ है... योगी ने 'बाबा' को लेकर अखिलेश को निशाने पर लिया

    सबको पता है 'सज्जन' का फोटो किसके साथ है... योगी ने 'बाबा' को लेकर अखिलेश को निशाने पर लिया

    सीएम योगी ने कहा कि इस हादसे के दौरान दुखद पहलू यह हुआ कि इस प्रकार के आयोजन में जो सेवादार प्रशासन को अंदर घुसने नहीं देते, उन्होंने ही दुर्घटना होने के तत्काल बाद या दौरान प्रारंभिक तौर पर मामले का दबाने का प्रयास किया.

'Hathras Stamped' - 6 News Result(s)
  • 121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

    121 लोगों की मौत के बाद भी यह कैसा मायाजाल? आश्रम के बाहर भोले बाबा के भक्त टेक रहे माथा

    हाथरस (Hathras) में हुए सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लगों की मौत की घटना के बाद हरिनारायण साकार उर्फ भोले बाबा (Bhole Baba) फरार है. पुलिस उसको तलाश रही है. हाथरस में भोले बाबा के चरणों की धूल उठाने के लिए मची प्रतिस्पर्धा के दौरान मची भगदड़ से बड़ी संख्या में मौतें हुईं. इस घटना को लेकर भले ही देश भर में भोले बाबा को कोसा जा रहा हो, लेकिन इसके बावजूद मैनपुरी (Mainpuri) में उनके आश्रम के गेट पर लोग माथा टेकते हुए नजर आ रहे हैं.

  • भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार

    भोले बाबा के दौसा आश्रम में होता था VVIP का जमावड़ा, ज्यादातर महिलाएं ही होती थीं सेवादार

    राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.

  • हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

    हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

    उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा’ के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं? 

  • 121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

    121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

    भीड़ में विवेक नहीं होता... भीड़ भेड़ चाल में चलती है... यदि भीड़ को सुव्यवस्थित तरीके से नियंत्रित न किया जाए तो उसके अनुशासन तोड़ने में भी देर नहीं लगती. हाथरस (Hathras) में भीड़ के बेकाबू होने से बड़ा हादसा हुआ. इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई. ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति चिंता में डालने वाली है. देश में खास तौर पर धार्मिक आयोजनों में इस तरह की दुर्घटनाएं होती रही हैं लेकिन इन्हें रोकने के लिए अब तक कोई मैकेनिज्म विकसित नहीं हो सका है. यदि कोई व्यवस्था है भी तो, उसको लेकर प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बजाय लापरवाही, सैकड़ों लोगों की मौत का कारण बनती है.

  • हाथरस में 121 मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन ? NDTV पूछता है ये 7 सवाल

    हाथरस में 121 मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन ? NDTV पूछता है ये 7 सवाल

    ऐसे बड़े आयोजन को देखते हुए प्रशासन की तरफ से मौके पर मेडिकल टीम, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी बुनियादी सुविधाएं मौके पर मौजूद कराई जाती हैं. लेकिन हाथरस के सत्संग के दौरान जब यह हादसा हुआ तो उस दौरान ऐसी कोई व्यवस्था वहां नहीं थी.

  • सबको पता है 'सज्जन' का फोटो किसके साथ है... योगी ने 'बाबा' को लेकर अखिलेश को निशाने पर लिया

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    सीएम योगी ने कहा कि इस हादसे के दौरान दुखद पहलू यह हुआ कि इस प्रकार के आयोजन में जो सेवादार प्रशासन को अंदर घुसने नहीं देते, उन्होंने ही दुर्घटना होने के तत्काल बाद या दौरान प्रारंभिक तौर पर मामले का दबाने का प्रयास किया.