हरियाणा के फतेहाबाद जिले में दो किसानों की गिरफ्तारी के विरोध कर करे किसानों के साथ रविवार को एक ऐसा 'प्रदर्शनकारी' पुलिस स्टेशन पहुंचा जिसे देखकर लोग हैरान रह गए. एक विधायक के घर के घेराव के आरोप में अरेस्ट किए गए दो किसानों को छोड़ने की मांग करते हुए धरने पर बैठे किसान अपने साथ फतेहाबाद के टोहना के पुलिस स्टेशन परिसर में एक गाय को लेकर पहुंचे. किसानों का कहना था कि यह 41वीं गवाह है जिसने किसानों को गिरफ्तार होते हुए देखा.
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दोनों किसानों को रविवार देर रात जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस रिहाई के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (SKU) ने टोहना के पुलिस स्टेशन के घेराव की योजना को रद्द कर दिया. किसानों का कहना था कि पुलिस अधिकारी गाय को चारा और पानी देने के लिए जिम्मेदार होंगे. इस गाय को पुलिस स्टेशन परिसर में एक छोटे खंभे से बांधा गया था और इसके लिए घास और पानी का इंतजाम किया गया था. प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा, 'मौजूदा सरकार गाय को गाय की पूजा करने वाली और गोप्रेमियों की सरकार मानती है, इसलिए हम पवित्र मानी जाने वाली गाय को यह लेकर आए हैं. इसकी उपस्थिति सरकार पर कुछ 'दबाव' बनाने में सहायक होगी.'
पुलिस चौकी पर धरना किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में किया गया. रविवार को किसान नेताओं और जिला प्रशासन की बैठक किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाई थी, इसके बाद विरोध प्रदर्शन को जारी रखने का फैसला किया गया था. दो किसान नेताओं विकास सिसार और रवि आजाद को पिछले बुधवार को हरियाणा के विधायक देवेंद्र सिंह बबली (JJP) के निवास के बाहर प्रदर्शन के लिए अरेस्ट किया गया था. जेजेपी राज्य में सत्ता पर काबिज बीजेपी की सरकार की सहयोगी पार्टी है. कई किसान संगठन हरियाणा में इस समय बीजेपी और जेजेपी के नेताओं के सार्वजनिक कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं.प्रदर्शनकारी किसानों ने इससे पहले विधायक बबली के खिलाफ केस दर्ज करने की इजाजत भी मांगी थी. किसानों का कहना था कि विवादित कृषि कानूनों के उनके (किसानों के) विरोध के दौरान बबली ने उनके खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया था. बबली ने बाद में अपने इस 'व्यवहार' के लिए खेद जताया था.
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