हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections 2024) के नतीजे सामने हैं. BJP ने सभी एग्जिट पोल के अनुमानों को गलत साबित करते हुए 57 साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. अब पार्टी राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है. वहीं, कांग्रेस (Congress) को ओवर कॉन्फिडेंस का खामियाज भुगतना पड़ा. ज्यादातर एग्जिट पोल में कांग्रेस को बंपर बहुमत मिलता दिखाया गया था. लेकिन कांग्रेस यहां 35 सीटें ही जीत पाई.
पूरे हरियाणा चुनाव में दो शब्दों की चर्चा सबसे ज्यादा रही. पहला- जाट और दूसरा- जलेबी. कांग्रेस ने दोनों पर बहुत जोर दिया, लेकिन ट्रेंड बताते हैं कि इससे पार्टी को कुछ खास हासिल नहीं हुआ. चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अब सोशल मीडिया पर मातूराम की जलेबी (Mathu Ram Halwai) ट्रेंड कर रही है. वहीं, जीत की खुशी में BJP स्टेट ऑफिस में जलेबियां बांटी जा रही हैं. आइए समझते हैं कि हरियाणा के चुनावी रण में मातूराम की जलेबियां कैसे बनी चुनावी मुद्दा:-
गोहाना की रैली में खाई थीं जलेबियां
हरियाणा के गोहाना की मशहूर दुकान मातूराम हलवाई की जलेबी हमेशा से चर्चा में रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तक इसका स्वाद चख चुके हैं. दीपेंद्र हुड्डा ने राहुल गांधी को अपने हाथों ये जलेबी खिलाई थी. राहुल को जलेबियों का स्वाद इतना पसंद आया था कि वो अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए भी जलेबियां पैक करके लेकर गए थे. फिर गोहाना में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मातूराम हलवाई की जलेबियों का एक डिब्बा दिखाया था.
राहुल गांधी ने जलेबियों पर किया था ये ट्वीट
राहुल गांधी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, "हाल ही में मैंने गोहाना की स्वादिष्ट जलेबियों का स्वाद चखा. मातूराम की जलेबियां पूरे देश में बेची जानी चाहिए. उनका निर्यात किया जाना चाहिए. ताकि रोजगार के ज्यादा मौके बने. अगर मातूराम हलवाई की जलेबियां दूसरे राज्यों में भी बिकती है और निर्यात की जाती है, तो एक दिन उनकी फैक्ट्री में 20 हजार से 50 हजार लोग काम कर सकते हैं."
शुरुआती रुझानों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बांटी थीं जलेबियां
आज सुबह वोटों की गिनती होने और शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को भारी बढ़त मिलने के बाद कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में जलेबियां बांटकर नतीजे से पहले ही जश्न मना लिया. हालांकि, बाद के दौर की गिनती में कांग्रेस पिछड़ गई. BJP काफी आगे निकल गई. ऐसे में अब जश्न मनाने की बारी सत्ता पक्ष की थी. पार्टी सूत्रों ने बताया है कि BJP मुख्यालय में भव्य जश्न के लिए जलेबियों का ऑर्डर दिया गया है. आमतौर पर चुनाव में जीत का जश्न मनाने के लिए लड्डू बांटे जाते हैं, लेकिन इस बार BJP हरियाणा में जीत की खुशी जलेबियां बांट कर मना रही है. ये एक तरह से BJP की ओर से कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश भी है.
BJP नेताओं ने ली चुटकी
राहुल गांधी के जलेबी वाले बयान को लेकर BJP नेताओं ने चुनावी रैलियों में चुटकी भी ली थी. BJP के सीनियर नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''मुझे गोहाना की जलेबी भी पसंद है. अब राहुल गांधी अमेरिका में फैक्ट्री लगाने की बात कर रहे हैं, लेकिन जलेबियां कैसे बनती हैं और कैसे बिकती हैं यह समझना होगा. यह बेहतर होता अगर उनके लिए चिट लिखने वालों ने इसे ठीक से तैयार किया होता." प्रसाद ने फिर दोहराया, "दिक्कत ये है कि राहुल गांधी अपना होमवर्क ठीक से नहीं करते."
हरियाणा ने दिखाया कि फैक्ट्री में नहीं बनती जलेबियां
वहीं, BJP नेता गौरव भाटिया ने कहा, "लोकतंत्र की जीत हो गई है. यह उस रॉकेट को करारा जवाब है जो लॉन्च नहीं होता है. लेकिन कहता है कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है... हरियाणा ने दिखा दिया है कि जलेबी फैक्ट्री में नहीं बनती है, बल्कि मेहनती हलवाई की दुकान में बनती है..."
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पीएम मोदी ने भी किया था मातुराम की जलेबियों का जिक्र
दिलचस्प बात ये है कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में गोहाना की जलेबी का जिक्र किया था. विपक्षी दलों के INDIA अलायंस पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी गुट के पास सत्ता में आने पर 5 साल में 5 प्रधानमंत्री बनाने का फॉर्मूला है. विपक्ष से पूछिये कि क्या प्रधानमंत्री पद हमारी मातूराम की जलेबी है?"
मातुराम की जलेबी क्यों मशहूर है?
मातूराम हलवाई की दुकान 1958 से चल रही है. अभी उनके पोते रमन गुप्ता और नीरज गुप्ता इस दुकान को चला रहे हैं. इन जलेबियों की खास बात ये है कि ये शुद्ध देसी घी से बनती है. एक जलेबी 250 ग्राम की होती है. यानी एक किलो जलेबी में सिर्फ 4 पीस ही आती है. मातूराम की एक किलो जलेबी का दाम 320 रुपये है. इन जलेबियों की सेल्फ लाइफ एक हफ्ते तक होती है.
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