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हरियाणा के 'कुरुक्षेत्र' में सज गई सेनाएं, AAP का हाथ थामने से कांग्रेस की बढ़ेगी ताकत या डगमगाएंगे कदम?

Haryana Assembly Elections 2024: कांग्रेस के रुख में बदलाव के पीछे 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से निकला वो आंकड़ा भी है, जिसने इस दोनों दलों को साथ आने पर मजबूर किया है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा की 42 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी.

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हरियाणा में कांग्रेस और AAP का गठबंधन हुआ था. कांग्रेस ने 5 सीटें जीती, लेकिन AAP खाता भी नहीं खोल पाई.

नई दिल्ली:

हरियाणा के चुनावी कुरुक्षेत्र (Haryana Assembly Elections 2024)में सेनाएं सज गई हैं. 1 अक्टूबर को मुकाबला होगा. चुनावी रण के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. 90 विधानसभा सीटों वाले राज्य में चौतरफा मुकाबला देखने को मिल रहा है, लेकिन असली लड़ाई BJP और कांग्रेस गठबंधन के बीच होनी तय है. इन दोनों खेमों के अलावा दो और खेमे हैं. JJP और यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद (Chandrasekhar Azad) की आज़ाद समाज पार्टी-कांशीराम के साथ गठबंधन किया है. वहीं, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और BSP ने भी इस चुनाव में हाथ मिलाया है..

इन सबके बीच हरियाणा में हाल ही में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाली कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) अब आपस में गठबंधन की बात करने लगी हैं. समाजवादी पार्टी को भी इसमें शामिल किया जा सकता है. 

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राज्य में दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन किया था. राज्य की कुल 10 सीटों में से कांग्रेस ने 9 और AAP ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस 5 सीटें जीतीं, लेकिन आप कुरूक्षेत्र सीट हार गई थी. BJP ने बाकी 5 सीटें जीत ली. 

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फेल रहा था AAP-कांग्रेस का गठबंधन
लोकसभा चुनाव में AAP और कांग्रेस के बीच हरियाणा के अलावा दिल्ली, गुजरात, गोवा में भी गठबंधन हुआ था. लेकिन ये गठबंधन नाकाम रहा था. पंजाब में AAP गठबंधन नहीं करने पर अड़ी रही. इसलिए दोनों दलों ने अकेले-अकेले चुनाव लड़ा. कांग्रेस को इसका फायदा हुआ. पार्टी ने 13 में से 7 सीटें जीती. AAP के खाते में 3 सीटें आई. बाकी 3 सीटों पर एक अकाली दल और 2 निर्दलीय विजयी रहे. अब फिर से कांग्रेस बीच की दूरियां मिटाकर हरियाणा में AAP को पास लाने की कोशिश में है.

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कांग्रेस के रुख में बदलाव के पीछे 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से निकला वो आंकड़ा भी है, जिसने इस दोनों दलों को साथ आने पर मजबूर किया है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा की 42 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई थी. आम आदमी पार्टी 4 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी. इन दोनों दलों की बढ़त को मिला दें, तो ये 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में बहुमत के आंकड़े को छू लेती है. बहुमत का आंकड़ा 46 है.

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2019 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों के इस तुलनात्मक अध्ययन में बाकी पार्टियां कहां ठहरती हैं इस पर एक नजर डाल लेते हैं:-

2019 और 2024 के चुनावों में पार्टियों का परफॉर्मेंस  
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP ने 40 सीटें जीती. उसका वोट शेयर 36% रहा. 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP ने हरियाणा की 44 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में बढ़त बनाई. पार्टी ने लोकसभा की 10 सीटों में से 5 सीटें जीती. उसका वोट शेयर 46% रहा. 

जननायक जनता पार्टी ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीती. वोट शेयर 14% रहा. 2024 के लोकसभा चुनाव में JJP एक भी सीट नहीं जीत पाई. उसका वोट शेयर 1% रहा. INLD+SAD (शिरोमणि अकाली दल) गठबंधन ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 1 सीट जीती. वोट शेयर 3% रहा. लोकसभा चुनाव में  INLD+SAD एक भी सीट नहीं जीत पाई. उसका वोट शेयर 2% रहा. BSP भी विधानसभा चुनाव 2019 में खाता नहीं खोल पाई. उसका वोट शेयर 4%  रहा. लोकसभा चुनाव में भी BSP के हाथ खाली रहे. वोट शेयर 1% रहा.

क्या कांग्रेस की दोस्ती के दांव का दिखेगा कमाल?
सवाल ये है कि क्या कांग्रेस की ओर से AAP के लिए दोस्ती का दांव कोई कमाल दिखा पाएगा. आखिर कांग्रेस, AAP से क्यों हाथ मिलाना चाहती है? कांग्रेस की दोस्ती के प्रपोजल के पीछे कई कारण दिए जा रहे हैं. पहला-अगर AAP-कांग्रेस साथ आए, तो इससे विपक्षी INDIA अलायंस के मजबूत होने का मैसेज जाएगा. दूसरा-राहुल गांधी की गठबंधन के पक्ष वाले नेता की छवि उभरकर सामने आएगी. तीसरा-BJP विरोधी वोटों का बंटवारा रोकने की कोशिश होगी. चौथा- दिल्ली विधानसभा चुनाव में गठबंधन की आस बनी रहेगी.

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हरियाणा में AAP कितनी ताकतवर?
पंजाब में AAP का अच्छा-खासा वोट बेस है. लेकिन पंजाब से सटे हरियाणा में AAP की ताकत सीमित है. AAP कुछ शहरी क्षेत्रों में ही एक्टिव है. हरियाणा में AAP को विधानसभा या लोकसभा चुनावों में अब तक कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई है. 2019 के विधानसभा चुनाव में AAP का प्रदर्शन खराब रहा था. उसे NOTA से भी कम वोट मिले. 2024 के लोकसभा चुनाव में AAP ने कांग्रेस से गठबंधन किया. AAP कुरुक्षेत्र सीट पर लड़ी, लेकिन हार गई. 

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2024 के विधानसभा चुनाव में क्या है AAP की मांग
कांग्रेस से गठबंधन के लिए AAP ने 9 सीटों पर दावा किया है. AAP जिताऊ सीटें चाहती हैं. उसकी नजर पंजाब से सटे कुरुक्षेत्र और अंबाला पर है. जबकि गठबंधन के लिए हरियाणा कांग्रेस 3 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है. हालांकि, कांग्रेस आलाकमान गठबंधन होने की स्थिति में AAP को 5 सीटें दे सकती है.

2019 के विधानसभा चुनाव में किसे मिली कितनी सीटें?
2019 के विधानसभा चुनाव में BJP ने 40 सीटें जीती. कांग्रेस को 31 सीटें मिली. JJP ने 10 सीटों पर जीत हासिल की. INLD को 1 सीट मिली. AAP का खाता नहीं खुला. अन्य के हिस्से 8 सीटें आईं.

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