हरियाणा में चुनावी बिगुल (Haryana Assembly Elections 2024) बज चुका है. 5 अक्तूबर को वोटिंग होनी है, जिसके नतीजे 8 अक्तूबर को आएंगे. चुनावी सरगर्मियां तेज हैं.ऐसे में नेताओं की कुर्सी पाने की लालसा और भी बढ़ने लगी है. नयाब सिंह सैनी फिलहाल हरियाणा की सत्ता पर काबिज है, लेकिन बीजेपी अगर विधानसभा चुनाव जीत जाती है, तो क्या नायब सिंह सैनी फिर से सत्ता संभालेंगे, ये अभी साफ नहीं है. बीजेपी ने अब तक सीएम चेहरे का खुलासा नहीं किया है, लेकिन फिर भी पद को लेकर खींचतान जारी है. नेताओं की नजरें सीएम की कुर्सी पर लगी हुई हैं.
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आखिर हरियाणा में हो क्या रहा है. बीजेपी के नेता आप-आप के लिए सीएम पद मांग रहे हैं. ये नेता खुल्लम-खुल्ला अपनी कुर्सी की चाहत उजागर कर रहे हैं. अब इस खींचतान में गुरुग्राम लोकसभा सीट से सांसद राव इंद्रजीत सिंह भी कूद पड़े हैं. पहले अनिल विज ने खुद के मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया था. उन्होंने कहा कि, जनता का उन पर बहुत दबाव है. और वह पार्टी में अपनी वरिष्ठता के आधार पर सीएम पद के लिए दावा पेश करेंगे.अब NDTV से बातचीत में एक और सीनियर नेता ने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपनी दावेदारी ठोंक दी है.
"मैं CM की कुर्सी चाहता हूं"
विधानसभा चुनाव पास आते ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की दबी इच्छा मानो फिर से जाग उठी है. वह खुद को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं. एनडीटीवी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि हां मैं खुद के लिए सीएम की कुर्सी चाहता हूं, क्योंकि यहां की जनता समझती है कि सरकार बनवाने के बावजूद उसको प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है. राव इंद्रजत ने इस बात को माना कि मुख्यमंत्री का पद कांटों का ताज है, लेकिन फिर भी वह इस ताज को अपने लिए चाहते हैं. उनका कहना है कि राज्य की जनता भी इस बात को मानती है कि उनकी लगातार उपेक्षा हुई है.
रामविलास शर्मा को टिकट नहीं दिया
केंद्रीय मंत्री का कहना है कि बीजेपी ने दक्षिणी हरियाणा के नेताओं की अनदेखी की है. उन्होंने अपने लोगों को टिकट दिलाने की पूरी कोशिश की, लेकिन पार्टी ने उनके लोगों की उपेक्षा की. बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ता होने के बाद भी रामविलास शर्मा को टिकट नहीं दिया गया. टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पर्चा वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि टिकट बांटने से पहले बीजेपी ने पहले सर्वे करवाया था. पार्टी ने बहुत ही फूंक-फूंक कर चुनाव के लिए टिकट दिया.
बेटी ने 10 साल मेहनत की, तब मिला टिकट
अपनों को टिकट न मिलने पर राव इंद्रजीत सिंह नाराज हैं. बेटी आरती राव को महेंद्रगढ़ के अटेली से टिकट मिलने पर राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने 10 साल तक बहुत मेहनत की. पहले वह दूसरों के लिए वोट मांगती थी. अब उसे खुद के लिए वोट मांगने का मौका मिला है.
"हम कूड़े से गए गुजरे तो नहीं"
राव इंद्रजीत सिंह ने हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने की चाहत खुले मंच पर भी जाहिर की थी. वह बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में चुनावी जनसभा करने रेवाड़ के बावल विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे. वहीं पर चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने अपनी इच्छा सभी के सामने जाहिर कर दी. उन्होंने सीएम पद पर दावेदारी ठोंक दी.उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि हमें 14-15 सीटों पर बढ़त मिल रही है. बीजेपी को इतनी सीटों पर बढ़त पहले कभी नहीं मिली. बीजेपी ने शायद हमको इतना महत्व नहीं दिया, लेकिन अब मिल रहा है. उन्होंने हरियाणा की एक कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि 12 साल में तो कूड़े का भी नंबर आता है, हम उससे भी गए गुजरे तो नहीं हैं. हो सकता है कि अब हमारा भी नंबर आ जाए.
अनिल विज ने क्या कहा था?
अनिल विज ने कहा था कि उन्होंने अब तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा.वह छह बार के विधायक हैं. अपनी वरिष्ठता की वजह से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश करते हैं, अब फैसला आलाकमान को करना है. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी ने अगर उनको मुख्यमंत्री बना दिया तो वह हरियाणा की तकदीर और तस्वीर बदल देंगे. उनके इस बयान से हरियाणा बीजेपी में खींचतान के संकेत मिलने लगे. अब राव इंद्रजीत सिंह के बयान ने पार्टी में खलबली मचा दी है.
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