हरसिमरत कौर बादल का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश और रेणुका चौधरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने दोनों पर सदन में उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है। 22 जुलाई को दिन भर के लिए राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित किए जाने के बाद के घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए बादल ने कहा कि रमेश और चौधरी ने उनके खिलाफ 'अपमानजनक भाषा' का इस्तेमाल किया और ''महिला और मंत्री दोनों के तौर पर उनकी गरिमा का अनादर'' किया।
22 जुलाई को आप सदस्य भगवंत मान के प्रकरण की वजह से संसद की कार्यवाही बाधित हुई थी। उन्होंने कहा, ''सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो जाने के बाद आश्चर्यजनक रूप से जयराम रमेश मेरी ओर आए और बिना किसी उकसावे के गंदी और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने लगे।''
बठिंडा से अकाली दल की सांसद ने अपने पत्र में कहा, ''उन्होंने मेरे लिए बेहद आपत्तिजनक आक्रामक भेदभावपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने राज्यसभा में बोलने के मेरे औचित्य और सदन में मेरी मौजूदगी पर भी सवाल किया।'' उन्होंने रेणुका चौधरी पर भी उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कांग्रेस के दोनों सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बादल ने कहा, ''इस बीच, रेणुका चौधरी सदन में दौड़ती हुई आईं और महिला होने के बावजूद उन्होंने जोर-जोर से मेरे खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल शुरू किया और सरकार और उसके मंत्रियों को कचरा बताया। दोनों मुझ पर चीखते रहे।''
उन्होंने कहा, ''मेरे साथियों और सदन के कर्मचारियों के बीच मेरा उपहास उड़ाया गया और मुझे अपमानित किया गया और मंत्री एवं एक महिला दोनों रूप में मेरी गरिमा का अनादर किया गया।'' मंत्री ने कहा कि उनके धमकाने के रमेश और चौधरी के प्रयासों से वह बेहद आहत हुई हैं।
उन्होंने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से अनुरोध किया, ''मैंने कभी नहीं सोचा था कि सदन के भीतर मेरे साथ इतना बुरा बर्ताव किया जाएगा। इन दोनों सदस्यों का आचरण बेहद आपत्तिजनक और पूरी तरह अस्वीकार्य था। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा के लिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।'' बादल ने बताया कि वह मान के वीडियो के बारे में कुछ सूचना देने का सदन में प्रयास कर रही थीं।
इस बीच बादल और रमेश और चौधरी के बीच वाकयुद्ध हुआ। रमेश और चौधरी ने एक निजी सदस्य विधेयक से संबंधित कार्यवाही के दौरान उनके हस्तक्षेप पर आपत्ति जताई।
जब बादल बोल रही थीं, कांग्रेस सांसद केवीपी राव के आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज दिए जाने पर निजी सदस्य विधेयक पर चर्चा होनी थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अपराह्न दो बजकर 44 मिनट के करीब सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बादल ने रमेश और चौधरी दोनों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने की भी धमकी दी है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
22 जुलाई को आप सदस्य भगवंत मान के प्रकरण की वजह से संसद की कार्यवाही बाधित हुई थी। उन्होंने कहा, ''सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो जाने के बाद आश्चर्यजनक रूप से जयराम रमेश मेरी ओर आए और बिना किसी उकसावे के गंदी और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने लगे।''
बठिंडा से अकाली दल की सांसद ने अपने पत्र में कहा, ''उन्होंने मेरे लिए बेहद आपत्तिजनक आक्रामक भेदभावपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने राज्यसभा में बोलने के मेरे औचित्य और सदन में मेरी मौजूदगी पर भी सवाल किया।'' उन्होंने रेणुका चौधरी पर भी उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कांग्रेस के दोनों सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री बादल ने कहा, ''इस बीच, रेणुका चौधरी सदन में दौड़ती हुई आईं और महिला होने के बावजूद उन्होंने जोर-जोर से मेरे खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल शुरू किया और सरकार और उसके मंत्रियों को कचरा बताया। दोनों मुझ पर चीखते रहे।''
उन्होंने कहा, ''मेरे साथियों और सदन के कर्मचारियों के बीच मेरा उपहास उड़ाया गया और मुझे अपमानित किया गया और मंत्री एवं एक महिला दोनों रूप में मेरी गरिमा का अनादर किया गया।'' मंत्री ने कहा कि उनके धमकाने के रमेश और चौधरी के प्रयासों से वह बेहद आहत हुई हैं।
उन्होंने राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी से अनुरोध किया, ''मैंने कभी नहीं सोचा था कि सदन के भीतर मेरे साथ इतना बुरा बर्ताव किया जाएगा। इन दोनों सदस्यों का आचरण बेहद आपत्तिजनक और पूरी तरह अस्वीकार्य था। मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा के लिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।'' बादल ने बताया कि वह मान के वीडियो के बारे में कुछ सूचना देने का सदन में प्रयास कर रही थीं।
इस बीच बादल और रमेश और चौधरी के बीच वाकयुद्ध हुआ। रमेश और चौधरी ने एक निजी सदस्य विधेयक से संबंधित कार्यवाही के दौरान उनके हस्तक्षेप पर आपत्ति जताई।
जब बादल बोल रही थीं, कांग्रेस सांसद केवीपी राव के आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज दिए जाने पर निजी सदस्य विधेयक पर चर्चा होनी थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अपराह्न दो बजकर 44 मिनट के करीब सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। बादल ने रमेश और चौधरी दोनों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने की भी धमकी दी है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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