- PM गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे.
- नया टर्मिनल लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में फैला है और सालाना 1.3 करोड़ यात्रियों की क्षमता रखता है.
- यह टर्मिनल असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है, जिसमें बांस के उद्यान का विषय है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे. लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में फैले इस नए टर्मिनल भवन की क्षमता हर साल 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी. मोदी ने कहा, "मैं कल, 20 दिसंबर को गुवाहाटी, असम पहुंचूंगा. दोपहर में लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया जाएगा. यह असम के बुनियादी ढांचे के लिए एक बड़ा बढ़ावा है. बढ़ी हुई क्षमता का अर्थ है बेहतर 'जीवनयापन में आसानी' और वाणिज्य के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा". इस नए टर्मिनल भवन के शुरू होने से असम की कनेक्टिविटी और आर्थिक विस्तार में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद है.

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, "भारत का पहला प्रकृति-विषय से जुड़ा यह हवाई अड्डा टर्मिनल, असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है, जिसका विषय "बांस के उद्यान" है. टर्मिनल में पूर्वोत्तर से प्राप्त लगभग 140 मीट्रिक टन बांस का अभूतपूर्व उपयोग किया गया है, जो काजीरंगा से प्रेरित हरे-भरे परिदृश्य, जापी आकृतियां, प्रतिष्ठित गैंडे का प्रतीक और कोपो फूल को प्रतिबिंबित करने वाले 57 बाग-विषय वाले स्तंभों से पूरित है. एक अनूठा "आकाश वन", जिसमें लगभग एक लाख स्थानीय प्रजातियों के पौधे हैं और यह यहां आने वाले यात्रियों को वन जैसा अनुभव प्रदान करता है".

15,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन
इस नए टर्मिनल में सुरक्षा जांच के लिए फुल-बॉडी स्कैनर, डिजियात्रा-सक्षम संपर्क रहित यात्रा और एआई-संचालित हवाई अड्डा संचालन जैसी ही-टेक सुविधायें हवाई यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगी. पीएम मोदी अपने दो दिनों के असम दौरे के दौरान राज्य में लगभग 15,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे.

प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के नामरूप में असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना के निर्माण पर 10,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा. ये प्रोजेक्ट असम और उसके पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूरा करने और आयात पर निर्भरता कम करने में मददगार साबित होगी.
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