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बेंगलुरु और अब गुरुग्राम... इस महाजाम के मर्ज का इलाज क्या? दुनिया के देश कैसे करते हैं मैनेज

Gurugram Heavy Traffic Jam: दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं, जहां ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम काफी ज्यादा अच्छा है. यहां कभी भी जाम की समस्या नहीं होती है और लोगों की जिंदगी आसान है.

बेंगलुरु और अब गुरुग्राम... इस महाजाम के मर्ज का इलाज क्या? दुनिया के देश कैसे करते हैं मैनेज
ट्रैफिक मैनेजमेंट के मामले में बेस्ट हैं ये देश
  • भारत के बड़े शहरों जैसे बेंगलुरु, पुणे और एनसीआर में ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर है
  • स्वीडन में पैदल चलना, साइकलिंग और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे ट्रैफिक व्यवस्थित रहता है
  • सिंगापुर में रियल टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग और इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन से ट्रैफिक जाम कम होता है
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बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर समेत भारत के तमाम बड़े शहरों में लोग ट्रैफिक की समस्या से काफी परेशान रहते हैं. अक्सर देखा गया है कि लोग कई घंटों तक ट्रैफिक में फंसे होते हैं और उनकी जिंदगी के कई दिन इसमें बर्बाद हो जाते हैं. दिल्ली के पास गुरुग्राम में भी ऐसा ही देखा गया, जब भारी बारिश के बाद हजारों गाड़ियां कछुए की तरह रेंगने लगीं, जिससे फिर एक बार ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर सवाल उठने लगे हैं. आज हम आपको दुनिया के ऐसे देशों के बारे में बता रहे हैं, जहां ट्रैफिक मैनेजमेंट सबसे बेस्ट है. 

भारत के इन शहरों का है बुरा हाल

भारत के बेंगलुरु, पुणे और एनसीआर के शहरों के अलावा दुनिया के कुछ ऐसे देश हैं, जहां ट्रैफिक की समस्या सबसे ज्यादा खतरनाक है.  ब्रिटेन की‎ राजधानी लंदन और आयरलैंड ‎की राजधानी डबलिन में ट्रैफिक व्यवस्था सबसे खराब मानी जाती है. यहां गाड़ियों की सबसे ज्यादा भीड़ देखने के लिए मिलती है. 

दुनिया के इन शहरों में बेहतरीन ट्रैफिक मैनेजमेंट

स्वीडन: दुनिया में सबसे बेहतरीन ट्रैफिक मैनेजमेंट स्वीडन में है. यहां लोगों को पैदल चलने, साइकलिंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. ज्यादातर लोग ऑफिस जाने के लिए यही करते हैं. स्वीडन की सड़कें भी काफी साफ और मजबूत हैं, जिससे ट्रैफिक में कोई भी बाधा नहीं आती है. यही वजह है कि यहां एक्सीडेंट भी कम होते हैं और रोड सेफ्टी के मामले में भी ये दुनिया का सबसे बेहतर देश है. 

सिंगापुर: सिंगापुर में बेहद इंजेटिलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है, जिससे रियल टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग होती है और ट्रैफिक कम करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाते हैं. इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम से यहां गाड़ियों की लंबी कतारें कम देखने को मिलती हैं. यहां काफी अच्छे सबवे और हाईवे हैं, साथ ही साइकिल लेन भी हर जगह बनाई गई हैं. दुनिया की सबसे ज्यादा डेंस पॉपुलेशन होने के बावजूद सिंगापुर में गाड़ियों की भीड़ नजर नहीं आती है. 

नीदरलैंड: स्वीडन की ही तरह नीदरलैंड में भी लोग साइकिल का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, घर पर कार होने के बावजूद लोग साइकिल से कहीं भी जाना पसंद करते हैं. यहां हर जगह साइकिल लेन और किराये पर साइकिल मिल जाती हैं. इसके अलावा साइकिल के लिए हर जगह पार्किंग बनाई गई है. यहां का बड़ा रोड नेटवर्क हर शहर और गांव को जोड़ता है और बिना ट्रैफिक जाम के लोग एक जगह से दूसरी जगह पहुंचते हैं. 

जापान: जापान को अपनी टेक्नोलॉजी के लिए जाना जाता है. इस देश के पास सबसे तेज और सुविधाजनक रेलवे सिस्टम मौजूद है. यही वजह है कि यहां के लोग गाड़ी से ज्यादा ट्रेन का सफर करना पसंद करते हैं. यहां का सबसे और बस सिस्टम भी काफी ज्यादा बेहतर है. यहां बस या फिर ट्रेन आमतौर पर कभी लेट नहीं होती है. यही वजह है कि जापान में ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होती है. 

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