डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के रेप के मामले और उससे जुड़ी करतूतों की खबर छापने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के परिवार को आखिकार लंबी लड़ाई के बाद न्याय मिल ही गया. गुरमीत राम रहीम सहित 4 लोगों को दोषी करार दे दिया गया है. इस मामले में अब सजा 17 जनवरी को सुनाई जाएगी. करीब 15 वर्ष पहले डेरा प्रमुख के खिलाफ बलात्कार के कथित मामलों को उजागर करने के लिए उनकी हत्या कर दी गई थी. जिस दिन रेप के मामले में गुरमीत राम रहीम को सजा मिली थी उस दिन दिवंगत पत्रकार के बेटे अंशुल ने फैसले का स्वागत किया था और कहा था कि अब उन्हें भी न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. उन्होंने कहा, ‘सीबीआई न्यायाधीश ने दबाव में नहीं आते हुए फैसला देकर स्पष्ट संदेश दिया है कि फर्जी साधु नहीं बच सकता. आम आदमी का न्यायपालिका में विश्वास जगा है.'
आपको बता दें कि छत्रपति ने सिरसा के डेरा मुख्यालय में ‘साध्वियों' के यौन उत्पीड़न का भंडाफोड़ किया था और 24 अक्तूबर 2002 को नजदीक से उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
डेरे के 400 अनुयायियों को नपुंसक बनाने के मामले में राम रहीम के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के 36 वर्षीय बेटे ने उन दो शिष्याओं की तारीफ भी की थी जो ‘धमकियां' मिलने के बावजूद डेरा प्रमुख के खिलाफ गवाही पर कायम रहीं. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति स्थानीय सांध्य दैनिक ‘पूरा सच' चलाते थे. सिरसा के डेरा मुख्यालय में राम रहीम द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर अज्ञात व्यक्ति का खत छापने के कुछ महीने बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
साहसी पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की कहानी, बेटे की जुबानी
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