- साहिल मोहम्मद हुसैन ने रूस में झूठे ड्रग्स मामले में फंसाकर रूसी सेना में भर्ती करने का आरोप लगाया है
- साहिल ने यूक्रेनी सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. उसने वीडियो बनाकर भारत सरकार से मदद भी मांगी है.
- रूस में पढ़ाई के दौरान आर्थिक और वीज़ा समस्याओं के कारण साहिल कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में आया था
गुजरात के एक युवक का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. ये वीडियो रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच वायरल हुआ है. इस वीडियो में ये शख्स लोगों से अपील कर रहा है कि वो किसी भी परिस्थिति में रूसी सेना में ना शामिल हों. शख्स ने आरोप लगाया है कि उसे कथित तौर पर झूठे ड्रग्स मामले में ब्लैकमेल करके रूसी सेना में सेवा करने के लिए मजबूर किया गया था. इस शख्स की पहचान साहिल मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि साहिल ने ये वीडियो यूक्रेनी सेना द्वारा पकड़े जाने के बाद बनाया है.
'झूठे ड्रग्स केस में फंसा कर रूसी सेना में शामिल कराया'
— NDTV India (@ndtvindia) December 21, 2025
गुजरात के एक युवक का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. ये वीडियो रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच वायरल हुआ है. इस वीडियो में ये शख्स लोगों से अपील कर रहा है कि वो किसी भी परिस्थिति में रूसी सेना में ना शामिल… pic.twitter.com/yDVW2Ef1ZR
यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा शेयर किए गए वीडियो में गुजरात के मोरबी निवासी साहिल मोहम्मद हुसैन ने भारत सरकार से घर लौटने में मदद करने की बात कही है. उसने बताया कि रूस में पढ़ाई के दौरान वह एक कूरियर कंपनी में पार्ट टाइम काम कर रहा था.उसने आरोप लगाया कि रूस की पुलिस ने उसे झूठे ड्रग्स मामले में फंसाया और रूसी सेना में सेवा करने की शर्त पर मामला वापस लेने का वादा किया.
मोदी सरकार से लगाई गुहार
इस वीडियो में साहिल ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हाल ही में भारत में थे. मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि मेरी सुरक्षित घर वापसी के लिए पुतिन से बात करें. वहीं, एक अन्य वीडियो में, साहिल ने कहा कि उन्होंने झूठे ड्रग्स मामले से छुटकारा पाने के लिए रूसी समझौता स्वीकार किया. 15 दिनों के प्रशिक्षण के बाद, रूसियों ने उन्हें मोर्चे पर भेज दिया.उसने ने बताया कि मोर्चे पर पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यूक्रेनी सेना ने ये वीडियो गुजरात में उनकी मां को भेजे और उनसे रूसी सेना में भर्ती होने के धोखे के बारे में जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया.उन्होंने अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है. अगली सुनवाई फरवरी में है.
पढ़ाई करने रूस गया था साहिल
साहिल के अनुसार वो 2024 में पढ़ाई के लिए रूस आया था. लेकिन आर्थिक और वीज़ा संबंधी समस्याओं के कारण वो कुछ ऐसे रूसियों के संपर्क में आया जो नशीले पदार्थों के धंधे में शामिल निकले. उसने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. रूस में कम से कम 700 लोगों को नशीले पदार्थों के आरोप में जेल भेजा गया है. लेकिन जेल अधिकारियों ने उसे रूसी सेना में भर्ती होकर आरोप हटवाने का विकल्प दिया. उसने आगे कहा कि मैं निराश महसूस कर रहा हूं. मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा लेकिन रूस आने वाले युवाओं के लिए मेरा एक संदेश है, 'सावधान रहें'. यहां कई धोखेबाज हैं जो आपको झूठे नशीले पदार्थों के मामले में फंसा सकते हैं. मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करना चाहता हूं, कृपया मदद करें.
विदेश मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया
इस वीडियो के सामने आने के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 5 दिसंबर को कहा कि भारत रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हुए अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है. साथ ही आगे भर्ती रोकने के लिए सावधानी बरतने का आग्रह किया.रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की राजकीय यात्रा पर आयोजित एक विशेष ब्रीफिंग में मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के समक्ष यह मुद्दा उठाया और इस बात पर जोर दिया कि रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हमारे समन्वित प्रयास नियमित रूप से जारी हैं.मिसरी ने आगे कहा कि रूसी सशस्त्र बलों में भारतीय नागरिकों की भर्ती का मुद्दा प्रधानमंत्री मोदी ने उठाया था.
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