गुजरात के फोरेंसिक वैज्ञानिकों (Gujarat Forensic Expert) की एक टीम ने रविवार को सेंट्रल दिल्ली के आईटीओ जंक्शन के आसपास के इलाके का दौरा किया. आईटीओ उन स्थानों में से एक है, जहां किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा (Tractor Rally Violence) हुई थी.फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) टीम 400 साल पुराने मुगल काल के लाल किले का भी दौरा मंगलवार को करेगी, जहां भी हिंसा देखने को मिली थी. किसानों का एक समूह ट्रैक्टर रैली के तय मार्ग से हटते हुए लाल किला परिसर तक पहुंचा था. यहां उग्र समूह ने लाल किले पर सिखों का धार्मिक झंडा फहरा दिया था.
पुलिस यहां प्रदर्शनकारियों से शांत रहने और नीचे उतरने की गुहार लगाती रही, लेकिन उग्र प्रदर्शनकारी नहीं माने. पुलिस को आखिरकार आंसू गैस और लाठी चार्ज का सहारा लेना पड़ा. लाल किले पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ भी की, जिससे संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा था.
किसानों की रैली को लेकर कई जगहों पर संघर्ष का आलम दिका. पुलिस, सीआरपीएफ और आरएएफ की टुकड़ियां भी बड़े पैमाने पर इकट्ठा हुए किसानों के समक्ष कुछ नहीं कर सकीं. किसान लाल किला परिसर में ट्रैक्टर लेकर घुस गए थे.
आईटीओ जंक्शन दिल्ली के वीआईपी जोन से महज कुछ किलोमीटर दूर है. यहां एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई थी. तेजी से ट्रैक्टर भगाने के चक्कर में उसका ट्रैक्टर पलट गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि रामपुर के इस किसान ने ट्रैक्टर दुर्घटना में घायल होने के कारण दम तोड़ा.
दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर अब तक 38 मामले दर्ज किए हैं और 86 लोगों को गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच ने शनिवार को कहा था कि वह 1700 से ज्यादा मोबाइल फोन वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज को भी खंगालेगी ताकि हिंसा में लिप्त लोगों की पहचान की जा सके. आईटीओ (ITO) इलाके में किसान की मौत को लेकर गलत सूचना फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर, कुछ पत्रकारों पर भी केस दर्ज किया है.
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