Gujarat elections 2022: ऐसे समय जब गुजरात विधानसभा चुनाव के अंतर्गत सोमवार को दूसरे चरण की वोटिंग होनी है, तीनों प्रमुख पार्टियां सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं. हालांकि सोशल मीडिया के जरिये वोटरों के लिए टारगेटेड मैसेजिंग से लेकर बूथ मैनेजमेंट तक बीजेपी ने अपने ने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया है. अंतिम चरण के प्रचार में जहां पीएम नरेंद्र मोदी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल व्यस्त नजर आए, वहीं कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान को लो प्रोफाइल बनाए रखा.
अहमदाबाद शहर की Danilimda सीट पर भाजपा के 300 बूथ कार्यकर्ताओं में से एक, 65 साल के रमेश भाई को संभावित मतदाताओं को पार्टी के रिस्ट बैंड सौंपते हुए देखा गया, इसके साथ ही वे मतदाता सूची पर भी नजर जमाए हुए थे. Danilimda एक मुस्लिम बहुत इलाका और कांग्रेस का गढ़ है लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने यहां भी कोई कसर बाकी नहीं रखी है. पन्ना प्रमुख रमेश भाई ने दावा किया कि अब मतदाता सूची के हर पेज पर दर्ज 30 वोटरों को 'टारगेट' करने के लिए एक भाजपा पन्ना समिति (Panna committee)है. उन्होंने कहा, "मेरे अधीन छह कार्यकर्ता है. हर बूथ पर एक पन्ना प्रमुख और प्रत्येक पेज कमेटी के तहत छह बूथ कार्यकर्ता हैं. हमारे पास केवल Danilimda में कम से कम 14 हजार कार्यकर्ता हैं, जिनका काम घर-घर जाकर प्रचार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वोटर चुनाव वाले दिन अपने मतदान केंद्र पहुंचे." वहीं सड़क के उस ओर और गहमागहमी और भीड़भाड़ वाले बीजेपी कार्यालय के सामने कांग्रेस कार्यालय है जो लगभग खाली है. कांग्रेस के बूथ अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के लो-प्रोफाइल कैंपेन का बचाव करते हुए बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "हम भी प्रचार कर रहे हैं, लेकिन अपने तरीके से. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस 'साइलेंट कैंपेन' चला रही है इसलिए हम ठीक वैसा ही कर रहे हैं."
आम आदमी पार्टी की बात करें तो AAP के एक छोटे से कार्यालय के अंदर, दर्जनों बूथ कार्यकर्ता, जिनमें से अधिकांश ने भाजपा या कांग्रेस से पाला बदला है, 'केजरीवाल के गवर्नेंस मॉडल' को 'बेचने' में व्यस्त हैं. AAP की 60 साल की वर्कर कविता बेन ने कहा, "लोगों को एक विकल्प की दरकार है और हम वह विकल्प हैं. मैं घर-घर जाकर लोगों को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल द्वारा दी जा रही मुफ्त सुविधाओं के बारे में बता रही हूं, जैसे 'जीरो' बिजली बिल, 'जीरो' पानी बिल, महिलाओं के खातों में नकदी और लोग इसे पसंद कर रहे हैं." सोशल मीडिया पर भी, कांग्रेस और 'आप' द्वारा बनाए गए 20 व्हाट्सएप ग्रुप्स की तुलना में, हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए बनाए गए 300 से अधिक ऐसे ग्रुप्स के साथ बीजेपी अपनी विरोधी पार्टियों से काफी आगे है.
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