
- जीएसटी परिषद ने कर दरों को चार से घटाकर दो किया है, जिससे आम जनता को खरीद में राहत मिलेगी
- कैट ने जीएसटी सुधारों को व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए क्रांतिकारी बताया
- जीएसटी सुधारों से घरेलू खपत बढ़ेगी, जिससे खुदरा व्यापार और छोटे दुकानदारों को लाभ मिलेगा
जीएसटी परिषद की ओर से जीएसटी की दरों में ऐतिहासिक बदलाव किया गया है. इस कारण 22 सितंबर से देश में कई चीजों के दामों में काफी देखने को मिलेगी और इससे आम जनता को सीधे फायदा होगा. नए जीएसटी कर ढांचे की खास बात यह है कि इसमें स्लैब की संख्या चार (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) से घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) कर दी गई है. वहीं, लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाने का ऐलान किया गया है, इनमें लग्जरी कार, गुड्स और सिगरेट एवं तंबाकू जैसे उत्पाद आते हैं. जीएसटी के इन सुधारों पर तमाम संस्थाओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है, जानिए किसने क्या कहा-
जीएसटी सुधारों पर कैट ने क्या कहा
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने जीएसटी सुधारों और कर दरों के पुनर्गठन को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी करार दिया है. कैट के अनुसार, इन सुधारों से छोटे व्यापारियों, उपभोक्ताओं और भारत की अर्थव्यवस्था को न केवल लाभ मिलेगा बल्कि यह कदम कर संरचना को सरल बनाएगा तथा उपभोग में भारी वृद्धि कर देश की आर्थिक गतिविधियों तथा व्यापार को नई गति देगा. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री तथा चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने पीएम मोदी का देश भर के व्यापारियों की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 400 से अधिक वस्तुओं पर कर कम करने के सुधारों से आम आदमी को रोजमर्रा के खर्चे में बड़ी राहत मिलेगी और कर व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त होगी. यह वास्तव में पीएम मोदी की तरफ़ से देश को बड़ा दिवाली उपहार है .
जानिए पड़ेगा क्या असर
खंडेलवाल ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इन जीएसटी सुधारों से घरेलू खपत में उल्ले. रिपोर्ट का अनुमान है कि आगामी त्योहारी सीजन में खपत में 7–8% की बढ़ोतरी होगी. यह उपभोक्ता खर्च में वृद्धि खुदरा व्यापार और छोटे दुकानदारों की बिक्री को सीधे लाभान्वित करेगी. खंडेलवाल ने कहा की सरकार ने बीमा सेवाओं को जीएसटी से मुक्त कर मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत दी है. इससे स्वास्थ्य और जीवन बीमा की प्रीमियम दरें और किफायती होंगी. महामारी के बाद और लगातार बढ़ती स्वास्थ्य लागत के बीच यह कदम आम परिवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा और बीमा कवरेज को प्रोत्साहन मिलेगा.
देश को बहुआयामी लाभ होंगे
खंडेलवाल ने कहा की इन सुधारों से देश को बहुआयामी लाभ होंगे. कम जीएसटी दरें उपभोक्ताओं को अधिक खरीदारी के लिए प्रोत्साहित करेंगी, जिससे बाज़ार की मांग बढ़ेगी वहीं बढ़ती मांग का सीधा लाभ छोटे दुकानदारों, खुदरा व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को मिलेगा. उपभोग बढ़ने से उद्योगों को उत्पादन बढ़ाना होगा, जिससे रोजगार और औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि होगी. कर दरों के सरलीकरण से जीएसटी अनुपालन आसान और सस्ता होगा. दो प्रमुख दरों के होने से कर संग्रहण बेहतर होगा और व्यापार जगत में स्थिरता आएगी.
एक्सपर्ट्स का क्या मानना
उन्होंने कहा की विशेषज्ञों का मानना है कि इन सुधारों का भारत की जीडीपी पर सीधा असर होगा. उपभोग और औद्योगिक उत्पादन में तेजी से आगामी वित्तीय वर्ष में जीडीपी में अतिरिक्त 0.5% से 0.7% तक वृद्धि हो सकती है. इससे सरकारी राजस्व भी बढ़ेगा और भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी. खंडेलवाल ने कहा कि ये सुधार केवल टैक्स में बदलाव नहीं हैं, बल्कि भारत के व्यापार का स्वर्णिम अध्याय हैं और आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम है. आने वाले समय में इसका असर न सिर्फ छोटे व्यापारियों पर बल्कि पूरे राष्ट्र की आर्थिक प्रगति पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा.”
FIEO की जीएसटी सुधार पर क्या राय
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने निर्यातकों के लिए नकदी की चुनौतियों को कम करने और रिफंड प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से जीएसटी परिषद के ऐतिहासिक निर्णयों का स्वागत किया है. फियो के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा: "परिषद द्वारा जोखिम विश्लेषण के आधार पर सात दिनों के भीतर निर्यात रिफंड जारी करने और कपड़ा, फार्मा, रसायन और उर्वरक जैसे क्षेत्रों के लिए उल्टे शुल्क ढांचे के तहत अनंतिम रिफंड जारी करने की मंजूरी एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है. ये सुधार कार्यशील पूंजी की रुकावटों को कम करने और हमारे निर्यातकों को समय पर राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे."
उद्योग और उपभोक्ता दोनों को लाभ
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ये उपाय न केवल भारत के निर्यात क्षेत्र को मज़बूत करेंगे, बल्कि आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दबाव कम करके घरेलू मांग में भी वृद्धि करेंगे. उन्होंने आगे कहा, "एक मज़बूत निर्यात इकोसिस्टम अनिवार्य रूप से घरेलू विनिर्माण और उपभोग को बढ़ावा देता है. ये कदम अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गुणक प्रभाव पैदा करेंगे, जिससे उद्योग और उपभोक्ता दोनों को लाभ होगा." उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जहां भी अंतिम उत्पाद घरेलू उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है, उद्योग यह सुनिश्चित करेगा कि कम लागत का लाभ उन्हें उचित रूप से मिले. उन्होंने कहा, "निर्यातक भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के साथ-साथ घरेलू अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं को सहयोग देने में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं." 1000 रुपये से कम के जीएसटी रिफंड की अनुमति देने से छोटे और ई-कॉमर्स निर्यातकों को अत्यधिक लाभ होगा. फियो ने उद्योग की चिंताओं के प्रति जीएसटी परिषद की संवेदनशीलता की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि ये समय पर किए गए सुधार वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारतीय व्यापार की मजबूती को बढ़ाएंगे.
AEPC ने भी किया फैसले का स्वागत
AEPC ने जीएसटी परिषद के हालिया फैसलों का स्वागत किया है. परिषद द्वारा घोषित सुधारों को भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया गया है. AEPC अध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा कि ये उपाय न केवल निर्यातकों के लिए आसान होंगे, बल्कि भारत के वस्त्र एवं परिधान मूल्य श्रृंखला को भी पहले से और मजबूत बनाएंगे. यह 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने और निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने की दिशा में निर्णायक कदम है, जिससे वस्त्र उद्योग में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा. AEPC ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के लिए आभार व्यक्त किया है.
(भाषा और IANS इनपुट्स के साथ)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं