Video: ग्राउंड रिपोर्ट - इंदौर के मंदिर में 200 साल पुरानी बावड़ी में 24 घंटे चला रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन, 36 की मौत

इंदौर के पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बृहस्पतिवार को राम नवमी के अवसर पर आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत धंसने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 पर पहुंच गई है.

इंदौर:

मध्‍य प्रदेश में इंदौर के पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बृहस्पतिवार को रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत धंसने की घटना में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 36 पर पहुंच गई है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नगर निगम और स्‍थानीय प्रशासन अभी तक घटनास्‍थल पर मौजूद हैं. इंदौर में घटनास्‍थल पर पहुंचे NDTV के संवाददाता अनुराग द्वारी ने बताया कि अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है और रेस्‍क्‍यू का काम लगभग पूरा हो गया है. आज भी बावड़ी से एक शव को निकाला गया है. 

घटनास्‍थल पर मौजूद ग्‍यारहवीं वाहिनी एनडीआरएफ वाराणसी के इंस्‍पेक्‍टर श्रीनिवास मीणा ने बताया, "बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी लगभग 60 फीट गहरी है. इसमें रेस्‍क्‍यू का काम करना बेहद चुनौती और मुश्किलों भरा रहा. ये बहुत पुरानी बावड़ी है. इस बावड़ी की दीवारें जर्जर हो चुकी हैं, कुछ सरिये भी इसमें जगह-जगह निकले हुए थे, जिन्‍हें रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के दौरान काटा गया. रातभर रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चला.  
 
श्रीनिवास मीणा ने बताया कि रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन के दौरान बावड़ी से काफी पानी और गाद निकालनी पड़ी. बावड़ी में गिरनेवाला मलबा भी निकालना पड़ा. हमें इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण प्राप्‍त है, इसलिए हमने तेजी से ऑपरेशन को अंजाम दिया. हालांकि, अभी और बारीकी से बावड़ी को जांचा जाएगा.     

बता दें कि बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर के पास एक पार्क का एरिया है. स्‍थानीय लोगों का आरोप है कि इस पर अतिक्रमण किया गया था. बावड़ी के ऊपर एक छत का निर्माण कर इस पर पिछले कुछ समय से हवन आदि किया जा रहा था. ये बावड़ी लगभग 200 साल पुरानी बताई जा रही है. रहवासियों का यह भी दावा है कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया. रामनवमी के दिन इस छत पर काफी लोग मौजूद थे, जिसका भार छत सहन नहीं पाई और धंस गई. इस हादसे में 36 लोगों की जान चली गई. ये पूरा रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन लगभग 24 घंटों तक चला. 

बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर के अध्‍यक्ष पर इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. उन पर धारा 304 (गैर इरादतन हत्‍या का मामला) लगाई गई है. हालांकि, उनका कहना है कि मंदिर ने किसी भी जमीन पर कब्‍जा नहीं किया है. मंदिर लगभग 100 साल पुराना है और इसके आसपास की जमीन उन्‍हीं की है. 

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