ग्रेटर नोएडा : बीटेक की छात्रा को गंभीर रूप से घायल करने वाले अब तक फरार, दोस्त करा रहे इलाज

पुलिस का कहना है कि आरोपियों को पकड़ने के लिए तीन टीम लगाई गई है. CCTV फुटेज देखे जा रहे हैं. जल्द गिरफ्तारी होगी. स्वीटी की मां लालमनी का कहना है कि डॉक्टरों का कहना है कि उसके दिमाग में गहरी चोट लगी है.

ग्रेटर नोएडा : बीटेक की छात्रा को गंभीर रूप से घायल करने वाले अब तक फरार, दोस्त करा रहे इलाज

स्वीटी के माता-पिता पटना में रहते है और लोअर मिडिल क्लास से हैं.

ग्रेटर नोएडा:

नये साल की पूर्व संध्या 31 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा जोन के कोतवाली बीटा-2 में अल्फा-2 बस स्टॉप के पास तेज रफ्तार से सैंट्रो कार चला रहे युवकों ने जीएनआईओटी कॉलेज की तीन छात्राओं को टक्कर मार दी. कार सवार युवक छात्राओं को टक्कर मारने के बाद फरार हो गए. हादसे में एक बीटेक फाइनल ईयर की छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई. यह छात्रा गरीब घर से है. अस्पताल में पड़े उसे चार दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक होश नहीं आया है. उसका इलाज ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में चल रहा है. मगर, हैरानी कि बात यह है कि पुलिस अब तक सैंट्रो कार सवार युवकों की पहचान तक नहीं कर पाई है. पकड़ना तो दूर की बात है.

पुलिस का कहना है कि आरोपियों को पकड़ने के लिए तीन टीम लगाई गई है. CCTV फुटेज देखे जा रहे हैं. जल्द गिरफ्तारी होगी. उधर, कैलाश अस्पताल में बीटेक फाइनल ईयर की छात्रा स्वीटी का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि छात्रा के सिर और पैर में गंभीर चोट आई है. पीड़िता का ब्रेन का ऑपरेशन कर दिया गया है. इसके लेफ्ट लोअर लिंब में फ्रैक्चर है. अभी उसकी स्थिति स्टेबल है.

घटना के समय स्वीटी के साथ चल रही उसकी सहेली कारसोनी डोंग ने बताया कि हम लोग पैदल अपने रास्ते पर चल रहे थे. तभी पीछे से सैंट्रो कार पर सवाल लड़कों ने टक्कर मार दी और भाग गए. उसी समय वहां से गुजर रहे एक कार सवार लोगों ने हमें मदद दी और अस्पताल पहुंचाया.

अस्पताल के बाहर स्वीटी के साथी उसके इलाज के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे हैं. क्योंकि स्वीटी के माता-पिता पटना में रहते है और लोअर मिडिल क्लास से हैं. वे इलाज का खर्च को वहन करने में असमर्थ है. स्वीटी के साथियों का कहना है कि स्वीटी एक जोनल लेवल खिलाड़ी है और उसने कई मेडल्स भी जीते हैं.

स्वीटी की मां लालमनी का कहना है कि डॉक्टरों का कहना है कि उसके दिमाग में गहरी चोट लगी है. अभी उसे होश नहीं आया है. डॉक्टर बता रहे हैं कि बहुत पैसा लगेगा. हम लोग मजदूर आदमी हैं. एक बच्ची थी, जो पढ़ने-लिखने में तेज थी और अपने बल पर कॉलेज में पढ़ रही थी. 

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