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This Article is From Dec 19, 2017

पीएम मोदी की नमामि गंगे परियोजना पर CAG की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, 2600 करोड़ का उपयोग ही नहीं कर सकी केन्‍द्र सरकार

गंगा नदी के कायाकल्प के लिए केन्‍द्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई नमामी गंगे परियोजना को लेकर कैग की रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि स्वच्छ गंगा मिशन के लिए आवंटित किए गए 2600 करोड़ से अधिक का सरकार उपयोग ही नहीं कर सकी.

पीएम मोदी की नमामि गंगे परियोजना पर CAG की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, 2600 करोड़ का उपयोग ही नहीं कर सकी केन्‍द्र सरकार
नमामि गंगे परिजयोजना के 2600 करोड़ का उपयोग ही नहीं सकी केन्‍द्र सरकार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: गंगा नदी के कायाकल्प के लिए केन्‍द्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई नमामी गंगे परियोजना को लेकर कैग की रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि स्वच्छ गंगा मिशन के लिए आवंटित किए गए 2600 करोड़ से अधिक का सरकार उपयोग ही नहीं कर सकी. 

क्या ऐसे ही होगी गंगा की सफाई! तीन महीने में 1 रुपया भी खर्च नहीं

गंगा की सफाई के लिए नेशनल मिशन के लिए आवंटित 2133.76, 422.13 करोड़ और 59.28 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किए जा सके. इसमें विभिन्न राज्य कार्यक्रम प्रबंधन समूह और एग्‍जीक्‍यूटिंग एजेंसियां/केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ 31 मार्च 2017 तक ये रकम खर्च की जानी थी. 

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 46 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स, इंटरसेप्शन एंड डायवर्सन प्रोजेक्ट्स और नहर परियोजनाओं की लागत 5,111.36 करोड़ रुपये थी. 2,710 करोड़ रुपये की लागत वाली 26 परियोजनाओं में देरी की गई. इसकी वजह भूमि नहीं होना और ठेकेदारों का धीमी गति से काम करना रहा. 

नमामि गंगे योजना : गंगा की सफाई के लिए बजट भारी भरकम, आधा पैसा भी नहीं हुआ खर्च

आपको बता दें कि इससे पहले सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ था कि सरकार द्वारा बीते तीन सालों में 12 हजार करोड़ रुपये का बजट देने की बात कही गई, जिसमें से वास्तव में केवल 5378 करोड़ रुपये ही बजट में दिए गए. बजट में जारी 5378 रुपये में से केवल 3633 करोड़ रुपये खर्च के लिए निकाले गए और इसमें से केवल 1836 करोड़ 40 लाख रुपये ही वास्तव में खर्च किए गए.

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आरटीआई के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, इस योजना में वित्तीय वर्ष 2014-15 में गंगा सफाई के लिए 2053 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया, जिसमें से महज 326 करोड़ रुपये जारी किए गए. इसमें से केवल 170 करोड़ 99 लाख रुपये ही खर्च हो पाए. इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2015-16 में 1650 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया, जिसमें से 1632 करोड़ रुपये जारी किए गए और केवल 602 करोड़ 60 लाख रुपये ही खर्च हो पाए. वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1675 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया, लेकिन केवल 1062 करोड़ 81 लाख रुपये ही खर्च किए जा सके हैं.

 

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