दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि लोगों के लिए उनकी सरकार की ओर से किए जा रहे विकास कार्य नहीं रुकेंगे, भले ही उन्हें जेल भेज दिया जाए. केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘मनीष सिसोदिया को जेल में डाल दिया गया, क्योंकि उन्होंने स्कूल बनाए. सत्येन्द्र जैन को जेल भेजा गया क्योंकि उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक बनाए.''
मुख्यमंत्री यहां उत्तर पश्चिमी दिल्ली के किराड़ी गांव में दो सरकारी स्कूलों के शिलान्यास समारोह में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों को उनके (आप नेताओं के) पीछे लगा दिया गया है.
उन्होंने दावा किया, ‘‘भले ही आप केजरीवाल को जेल में डाल दें, लेकिन स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक बनाने और दिल्ली के लोगों को मुफ्त इलाज प्रदान करने के (चल रहे) काम नहीं रुकेंगे. भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) चाहती है कि हम उनकी पार्टी से जुड़ें, लेकिन हम झुकेंगे नहीं.''
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक फरवरी को संसद में पेश किए गए अंतरिम केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि इसमें स्कूलों और अस्पतालों के लिए कुल बजट का केवल चार प्रतिशत आवंटित किया गया है, जबकि दिल्ली सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर 40 प्रतिशत खर्च कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय बजट पेश किया. वह स्वास्थ्य और शिक्षा पर कुल बजट का केवल चार प्रतिशत खर्च करेगी. हालांकि, दिल्ली सरकार पिछले आठ वर्षों से स्वास्थ्य और शिक्षा पर अपने कुल बजट का लगभग 40 प्रतिशत खर्च कर रही है.''
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र ने ‘आप' नेताओं को लोगों की भलाई के लिए काम करने से रोकने के लिए उनके पीछे सीबीआई और ईडी जैसी सभी एजेंसियों लगा दी है. उन्होंने कहा कि भले ही उन्हें जेल भेज दिया जाए, लेकिन स्कूल बनाने और लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का काम नहीं रुकेगा.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक किराड़ी गांव के घनी आबादी वाले इलाकों के बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए रोहिणी के सेक्टर 41 में दो स्कूल खोले जाएंगे. शिलान्यास समारोह में शिक्षा मंत्री आतिशी भी शामिल हुईं.
आतिशी ने इस मौके पर दावा किया, ‘‘पिछले नौ साल में मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा शुरू की गई शिक्षा क्रांति के कारण दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बदलाव आया है. आज, दिल्ली के सरकारी स्कूल उत्कृष्ट परिणाम देते हैं और शहर के निजी स्कूलों से बेहतर बन गए हैं.''
विज्ञप्ति के मुताबिक स्कूल दो अलग-अलग भूखंडों पर बनेंगे जिनमें 100 से अधिक कक्षाएं होंगी. एक स्कूल में 300 लोगों की क्षमता का पूरी तरह से वातानुकूलित बहु-उद्देश्यीय सभागार होगा.
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