सरकार ने रविवार को अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को बदलाव के साथ फिर से शुरू करने की खबरों को खारिज करते हुए सोशल मीडिया पर चल रहे इस आशय के संदेश को फर्जी बताया. सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
प्रेस सूचना ब्यूरो ने अपने एक्स हैंडल पर स्पष्ट किया, "एक फर्जी व्हाट्सएप संदेश में दावा किया गया है कि अग्निपथ योजना को कई बदलावों के साथ समीक्षा के बाद 'सैनिक सम्मान योजना' के रूप में फिर से शुरू किया गया है, इसमें सेवा की अवधि को बढ़ाकर 7 साल करना, 60 प्रतिशत स्थायी कर्मचारी और बढ़ी हुई आय शामिल है... भारत सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है."
A #fake WhatsApp message claims that the Agnipath Scheme has been re-launched as 'Sainik Saman Scheme' after review with several changes including duty period being extended to 7 years, 60% permanent staff & increased income#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 16, 2024
✔️GOI has taken no such decision pic.twitter.com/1a3zmuVjfk
विपक्ष ने अग्निपथ योजना को लेकर उठाए थे सवाल
शुरू से ही अग्निपथ योजना की आलोचना कर रहे विपक्ष ने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान आक्रामक रूप से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता में आने पर इस योजना को खत्म करने का वादा किया.
अग्निपथ योजना एक "टूर ऑफ़ ड्यूटी स्टाइल" योजना है, जिसे सितंबर 2022 में सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में कमीशन प्राप्त अधिकारियों से नीचे के रैंक के सैनिकों की केवल चार साल की भर्ती के लिए लागू किया गया था.
इस प्रणाली के तहत भर्ती किए गए कर्मियों को अग्निवीर कहा जाएगा.
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