"मैं शुरू से चाहता था राम मंदिर बने...": कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के बाद बोले गौरव वल्लभ

Loksabha Elections: बीजेपी में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा, "मैंने सुबह एक पत्र सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर डाला. उस पत्र में मैंने अपने दिल की सारी व्यथाएं लिख दीं. मेरा शुरू से यह दृष्टिकोण रहा है कि भगवान श्री राम का मंदिर बने, न्योता मिले और कांग्रेस ने न्योते को अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता."

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता और प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने गुरुवार सुबह ही पार्टी से इस्तीफा दिया और फिर दोपहर में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम (Gourav Vallabh Join BJP) लिया. गौरव वल्लभ के अलावा कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी पार्टी महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की.  गौरव वल्लभ ने यह कहते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दिया कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते और 'वेल्थ क्रिएटर्स' को गाली नहीं दे सकते. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखा इस्तीफा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर साझा किया. उन्होंने कहा कि पार्टी जिस तरह से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसे देखते हुए वह खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहे थे.

गौरव वल्लभ बीजेपी में शामिल

पूर्व कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ दिल्ली बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए.बीजेपी में शामिल होने के बाद गौरव वल्लभ ने कहा, "मैंने सुबह एक पत्र सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर डाला...उस पत्र में मैंने अपने दिल की सारी व्यथाएं लिख दीं. मेरा शुरू से यह दृष्टिकोण रहा है कि भगवान श्री राम का मंदिर बने, न्योता मिले और कांग्रेस ने न्योते को अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता. गठबंधन के नेताओं ने सनातन पर प्रश्न उठाए, कांग्रेस द्वारा उसका जवाब क्यों नहीं दिया गया? मैं आज बीजेपी में शामिल हुआ और मुझे उम्मीद है कि मैं अपनी योग्यता, ज्ञान का प्रयोग भारत को आगे ले जाने में करूंगा."

कांग्रेस के स्टैड से असहज था, इसलिए दिया इस्तीफा

अपने इस्तीफे में गौरव वल्लभ ने इस बात का भी जिक्र किया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी सोचकर उन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन की थी. उनको लगा था कि कांग्रेस में युवा और बौद्धिक आइडियों की कद्र की जाती है लेकिन पिछले कुछ सालों में उनको महसूस हुआ कि कांग्रेस का मौजूदा स्वरूप नए आइडिया वाले युवाओं संग खुद को एडजस्ट नहीं कर पा रही है. वहीं उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर कांग्रेस के रुख ने उनको हैरानी में डाल दिया. पार्टी के इस स्टैंड से वह काफी असहज हो गए, क्यों कि जन्म से हिंदू और कर्म से शिक्षक हैं. कांग्रेस और इसके गठबंधन से जुड़े लोग सनातन के विरोधी हैं. 

कांग्रेस का रुख  ‘वेल्थ क्रिएटर्स' को नीचा दिखाने वाला

बता दें कि गौरव वल्लभ कई महीनों से पार्टी की ओर से टेलीविजन कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे और लंबे समय से उनकी कोई प्रेस वार्ता भी नहीं हुई थी. गौरव वल्लभ ने इस्तीफे में यह दावा भी किया कि वर्तमान में आर्थिक मामलों पर कांग्रेस का रुख हमेशा ‘वेल्थ क्रिएटर्स' को नीचा दिखाने वाला रहा है और देश में होने वाले हर विनिवेश पर पार्टी का नजरिया नकारात्मक रहा है. उनका कहना है कि आर्थिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को लेकर भी वह घुटन महसूस कर रहे थे, इसीलिए उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है. 

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