Supreme Court Important Cases Today:यूपी के मदरसा एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते ये क़ानून राज्य सरकार ने पास किया था. एक मदरसे के मैनेजर अंजुम कादरी और बाकी की ओर से दायर इस याचिका में हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे मनमाना बताया गया है. हालांकि मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिसके चलते मदरसा एक्ट के तहत मदरसों में पढ़ाई अभी चल रही है. अब सुप्रीम कोर्ट को मदरसा एक्ट की संवैधानिकता पर विचार करना है.
मैरिटल रेप मामला
इसके अलावा आज मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. मौजूदा कानून के मुताबिक जबरन संबंध बनाने पर पत्नी अपने पति पर बलात्कार का मुकदमा नहीं कर सकती. IPC की धारा 375 में जहां इसे अपराध के दायरे से बाहर रखा गया था, वहीं नए क़ानून( भारतीय न्याय संहिता) के सेक्शन 63 के अपवाद (2) में शादीशुदा जिंदगी में जबरन संबंध बनाने को अपराध नहीं माना है. कोर्ट में दायर याचिकाओ में नए और पुराने क़ानून में मौजूद इन प्रावधानों को चुनौती दी गई है. वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में एक शख्श की याचिका भी पेंडिंग है, जिसे कर्नाटक HC ने अपनी पत्नी के बलात्कार के आरोपों में मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था.
महाराष्ट्र से जुड़े दो मामले
आज ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) और शिवसेना ( एकनाथ शिंदे गुट) के विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार के 50 फीसदी से अधिक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लोगों को 100 फीसदी आरक्षण के शासनादेश (जीआर) को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. यह याचिका सामाजिक विकास प्रबोधिनी की ओर से दायर की गई है. याचिकाओं में 29 अगस्त 2019 में सरकार की जारी अधिसूचना और उसके आधार पर इस साल 1 फरवरी को निकाले गए शासनादेश को चुनौती दी गई है.
गूगल का क्या है केस?
गूगल की ओर से दायर याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट आज ही सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गूगल पर कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था. सीसीआई की तरफ से गूगल पर 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. मोबाइल इकोसिस्टम में अपने वर्चस्व के दुरुपयोग पर गूगल इस जुर्माने का सामना कर रहा है. गूगल सुप्रीम कोर्ट से पहले NCLAT में अपील कर चुका है. बाद में NCLAT ने भी गूगल पर अंतरिम राहत देने से इन्कार कर दिया था.
बिहार का ये मामला
जातीय गणना के बाद बिहार में आरक्षण कोटा बढ़ाकर 65% किए जाने के मामले में पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) समेत कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. इन याचिकाओं में पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है. जातीय गणना के बाद बिहार सरकार ने आरक्षण को बढ़ाकर 50 से 65% कर दिया था, जिसपर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी.
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