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ग्राउंड रिपोर्ट : गोंडा रेल हादसे के बाद अब कैसे हालात ? ट्रैक मरम्मत का काम कहां तक पहुंचा, यहां जानें

यूपी के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं 6 लोग गंभीर रूप से घायल है. वहीं जिन लोगों को हल्की चोटों आई थी, उनका इलाज कर उन्हें घर भेज दिया गया.

600 यात्रियों को विशेष ट्रेन से भेजा गया

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में गुरुवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक ट्रेन के कई डिब्बे मोतीगंज तथा झिलाही रेलवे स्टेशन के बीच पटरी से उतर गये. इस घटना में चार यात्रियों की मौत हो गयी तथा 32 अन्य घायल हो गये. अभी भी छह लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. कल ये हादसा 2.35 मिनट पर हुआ. फिलहाल हादसे की वजह पता लगाने की कोशिश की जा रही है. ट्रेन में फंसे सभी यात्रियों को निकालकर उनके गंतव्य स्थानों की और भेज दिया गया. रेलवे ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है. वहीं गंभीर रूप से घायलों के लिए 2.50-2.50 लाख मुआवजे का ऐलान किया गया है. जबकि सामान्य तौर पर घायलों के लिए 50-50 हजार की मदद का ऐलान किया गया है.

रेलवे ट्रैक कब होगा बहाल

जेसीबी की मदद से ट्रैक से बोगियों को हटा दिया गया है, ताकि मरम्मत का काम जल्द से जल्द हो सके. अपलिंक वाले ट्रैक पर कोई नुकसान नहीं हुआ है, वो तैयार है. लेकिन डाउन लिंक पर मरम्मत का काम चल रहा है, इसलिए ये भी शुरू नहीं हुआ. जो पटरियां टूटी थी उन जगहों पर सीमेंटेड ट्रैक को बिछा लिया गया है, अब पटरी बिछाने का काम होगा. अब खंभे लगाए जा रहे हैं और वायर को भी रिस्टोर किया जा रहा है. इलेक्ट्रिक वायर के टूटे तारों को जोड़ा जा रहा है. ट्रैक पर मरम्मत का काम जारी रहा है. उम्मीद की जा रही है कि दोपहर तक अपलिंक वाला ट्रैक शुरू हो जाएगी. जबकि डाउनलिंक पर और वक्त लग सकता है.

दुर्घटना स्थल पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी रेस्टोरेशन के काम में जुटे हैं. फिलहाल कोशिश है कि दोनों रेल ट्रैक को जल्द से जल्द शुरू किया जाए. रेलवे ट्रैक को ठीक करने में अभी एक दो दिन का समय लगेगा. भारतीय रेलवे ने कहा है कि लोकोपायलट ने घटना से पहले एक धमाके जैसी आवाज़ सुनी है. ये आवाज़ किसकी थी, इसका पता तो जांच में ही पता चल पाएगा. फ़िलहाल घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक्सपर्ट्स की टीम जांच कर रही है. सभी सुरक्षित यात्रियों को कल ही स्पेशल ट्रेन से उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दी गई थी.

गांव वालों ने की ट्रेन में फंसे लोगों की मदद

हादसे के बाद तुरंत गांववालों ने मदद की. वहीं आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, जो कि रात भर मौजूद रहे. ट्रेन के कुल चार एसी डिब्बे पलट गए थे. इस ट्रेन में कुल 22 डिब्बे थे, जिनमें से लगभग 20 के आसपास डिरेल हो गए. पटरियां टेढी होने से डिब्बे ट्रैक से नीचे आ गए. पलटने वाले डिब्बे में एक ऐसा डिब्बा था जो कि 90 डिग्री पर था, जबकि बाकी डिब्बे 45 डिग्री पर पलटे थे.

600 यात्रियों को विशेष ट्रेन से भेजा गया

चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 600 यात्रियों को लेकर एक विशेष रेलगाड़ी असम के लिए रवाना हुई. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पटरी से उतरने वाली जगह पर बचाव अभियान पूरा हो गया है. इसमें कहा गया है, 'पटरी से उतरी चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 600 यात्रियों को लेकर विशेष ट्रेन रात आठ बजकर 50 मिनट पर मनकापुर से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुई. इससे पहले उन्हें बस से मनकापुर लाया गया और उन्हें चाय, पानी दिया गया.''

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