प्रतीकात्मक तस्वीर...
बाड़मेर:
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लॉन्च कर भारत में डिजिटल क्रांति की शुरुआत करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने से शायद खाप पंचायतें इत्तेफाक नहीं रखतीं।
राजस्थान के बाड़मेर में एक खाप पंचायत ने तुलगकी फ़रमान जारी कर अपने गांव की लड़कियों को मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से दूर रहने का सख़्त फैसला सुनाया है। साथ ही पंचायत ने आगाह किया है कि गांव की लड़कियां जींस कतई नहीं पहनेंगी। राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पंचायतें आधुनिक दौर के बावजूद रूढि़वादी विचारधारा के तहत ऐसे तुगलकी फरमान जारी करती रहती हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, बाड़मेर जिले के कनाना गांव की समदरी पंचायत में चौधरी समुदाय के 12 खेड़ा के पंचों ने यह विवादित निर्णय लिया। पंचायत ने कुछ और फैसले भी लिए। इनके तहत शादी समारोह में दूल्हा परंपरा के अनुसार ही कपड़े पहनेगा। शादी में डीजे बिल्कुल नहीं बजाया जाएगा। अविवाहित लड़कियां न तो अपने पास मोबाइल फोन रखेंगी और न ही जींस पहनेंगी।
हालांकि इस पंचायत ने कुछ अच्छे निर्णय भी लिए, जिनके तहत कोई बाल विवाह नहीं होगा। सभी बच्चों को स्कूल भेजा जाएगा। शराब पर पाबंदी लगाई जाएगी। इन निर्णयों की प्रशंसा भी हो रही है, लेकिन लड़कियों के फोन न रखने और सोशल मीडिया से दूर रहने के निर्णय की आलोचना हो रही है।
समुदाय के कोषाध्यक्ष नाराराम चौधरी ने कहा, शादी में दूल्हा धोती और परंपरानुसार कपड़े पहनेगा और दुल्हन घाघरा पहनेगी। लड़कियों के मोबाइल फोन न रखने के सवाल पर वे कहते हैं, हम इसका विरोध नहीं कर रहे, लेकिन यह फैसला छोटी लड़कियों के लिए लागू किया गया है। पंचायत द्वारा इस फैसले को लेने के पीछे उनका तर्क है कि मोबाइल फोन के जरिए लड़कियों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं। लिहाजा, यह फैसला लिया गया। पंचायत के इस फैसले के बाद लोगों ने भी लड़कियों को मोबाइल फोन न रखने और जींस न पहनने की हिदायत दे दी है।
राजस्थान के बाड़मेर में एक खाप पंचायत ने तुलगकी फ़रमान जारी कर अपने गांव की लड़कियों को मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से दूर रहने का सख़्त फैसला सुनाया है। साथ ही पंचायत ने आगाह किया है कि गांव की लड़कियां जींस कतई नहीं पहनेंगी। राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पंचायतें आधुनिक दौर के बावजूद रूढि़वादी विचारधारा के तहत ऐसे तुगलकी फरमान जारी करती रहती हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, बाड़मेर जिले के कनाना गांव की समदरी पंचायत में चौधरी समुदाय के 12 खेड़ा के पंचों ने यह विवादित निर्णय लिया। पंचायत ने कुछ और फैसले भी लिए। इनके तहत शादी समारोह में दूल्हा परंपरा के अनुसार ही कपड़े पहनेगा। शादी में डीजे बिल्कुल नहीं बजाया जाएगा। अविवाहित लड़कियां न तो अपने पास मोबाइल फोन रखेंगी और न ही जींस पहनेंगी।
हालांकि इस पंचायत ने कुछ अच्छे निर्णय भी लिए, जिनके तहत कोई बाल विवाह नहीं होगा। सभी बच्चों को स्कूल भेजा जाएगा। शराब पर पाबंदी लगाई जाएगी। इन निर्णयों की प्रशंसा भी हो रही है, लेकिन लड़कियों के फोन न रखने और सोशल मीडिया से दूर रहने के निर्णय की आलोचना हो रही है।
समुदाय के कोषाध्यक्ष नाराराम चौधरी ने कहा, शादी में दूल्हा धोती और परंपरानुसार कपड़े पहनेगा और दुल्हन घाघरा पहनेगी। लड़कियों के मोबाइल फोन न रखने के सवाल पर वे कहते हैं, हम इसका विरोध नहीं कर रहे, लेकिन यह फैसला छोटी लड़कियों के लिए लागू किया गया है। पंचायत द्वारा इस फैसले को लेने के पीछे उनका तर्क है कि मोबाइल फोन के जरिए लड़कियों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं। लिहाजा, यह फैसला लिया गया। पंचायत के इस फैसले के बाद लोगों ने भी लड़कियों को मोबाइल फोन न रखने और जींस न पहनने की हिदायत दे दी है।
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