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This Article is From Nov 13, 2024

आ रही मायावी कॉल... फेसबुक-इंस्टा पर बच्चों की फोटो शेयर करने वाले मां-बाप ये जरूर पढ़ लें

महिला को उम्मीद हुई की उसकी 8 साल की बेटी टीवी पर आएगी और इसलिए महिला ने एड पर क्लिक कर दिया. वो एड उसे एक टैलीग्राम ग्रुप पर ले गई, जहां उसे उसके जैसे ही कई अन्य माता-पिता भी मिले. 

आ रही मायावी कॉल... फेसबुक-इंस्टा पर बच्चों की फोटो शेयर करने वाले मां-बाप ये जरूर पढ़ लें
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

दिल्ली के द्वारका में एक 34 साल की महिला फुर्सत में अपना फेसबुक स्क्रॉल कर रही थीं. उन्हें क्या पता था यही उनके लिए बड़ी मुसीबत हो जाएगी. दरअसल, एक एड ने उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.  उस एड में लॉट्स स्टार किड्स फर्म की ओर से बच्चों को मॉडलिंग का मौका देने का वादा किया गया था. इसके साथ ही ट्रेनिंग देने की बात भी उसमें थी. महिला को लगा कि ये तो उनकी बच्ची के लिए अच्छा मौका है. उनकी 8 साल की बच्ची टीवी पर आ जाएगी. महिला ने एड पर क्लिक कर दिया. ये क्लिक उन्हें टेलीग्राम पर ले गया, जहां उनके साथ और भी बहुत से माता-पिता थे. फिर शुरू हुआ ठगी का ऐसा जाल जिसे लेकर वह आज तक भी परेशान हैं.

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मामूली रजिस्ट्रेशन फीस से करते थे शुरुआत

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रजिस्ट्रेशन फीस से शुरू हुई स्कीम बाद में बच्चों के लिए इंवेस्टमेंट के मौके में बदल गई, जिसके साथ उन्हें मॉडलिंग असाइमेंट दिए जाने का भी वादा किया गया था. ग्रुप में कई माता-पिता ने इंवेस्ट किया और फिर शूट के शेड्यूल मिलने का इंतजार करने लगे और फिर उन्हें एहसास हुआ कि यह केवल एक स्कैम था. इसके बाद उन्होंने द्वारका में मामले की रिपोर्ट की. 

मामले में पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस ने दावा किया है कि आखिरकार उन्होंने गैंग का पर्दाफाश कर लिया है और इसमें दो मुख्य आरोपियों को अक्टूबर के महीने में गिरफ्तार कर लिया गया था. जांच में पता चला कि कम से कम 197 लोगों को इसी तरह से निशाना बनाया गया और उनके खातों से 4.7 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन किया गया. 

ऐसे पेरेंट्स को टारगेट करते थे स्कैमर्स

ये स्कैमर्स ऐसे माता-पिता को टारगेट करते हैं जो अपने बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं. इसके बाद उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में शामिल किया जाता है, जहां उनसे ब्रांड एड्स और ट्रेनिंग के लिए मामूली रजिस्ट्रेशन फीस ली जाती है. इसके बाद फर्जी प्रीपेड प्वॉइंट सिस्टम में फंसा कर उनसे कुछ ऑनलाइन काम कराए जाते हैं. जिससे वो लेवल अनलॉक करते हैं ताकि उनके बच्चों को जल्दी एड शूट मिले या फिर मॉडलिंग के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल कराया जाए. 

कर चुके हैं 5 करोड़ रुपये की ठगी

इस तरह से पेरेंट्स को स्कैमर्स पर भरोसा होने लगता है और वो स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं. इन ठगों ने इसके जरिए अब तक 5 करोड़ रुपये की ठगी की है. 

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