अमेरिका (US) के न्यूयॉर्क (New York) में यूनियन स्क्वायर (Union Square) पर लगी महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की कांसे की आदमकद प्रतिमा (Statue) पर हमला किया गया. भारतीय-अमेरिकी समुदाय (Indian-American Community) में इससे खासा रोष है और उन्होंने कहा कि यह गांधी और मार्टिन लूथर किंग (Martin Luther King) का अपमान है. महात्मा गांधी की 8 फुट की इस प्रतिमा को शनिवार को विरूपित किया गया था. न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने बताया था कि मैनहट्टन (Manhattan) के समीप यूनियन स्क्वैयर में लगी महात्मा गांधी की आठ फुट की प्रतिमा को कुछ अज्ञात लोगों ने विरूपित कर दिया.
भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘‘घृणित'' करार दिया. न्यूयॉर्क (New York) में लगी इस मूर्ती को गांधी मेमोरियल इंटरनेशनल फाउंडेशन ने दान दिया था. इससे पहले पिछले साल जनवरी में कैलिफोर्निया (California) में और दिसंबर 2020 में वाशिंगटन डीसी (Washington DC) में भी गांधी की प्रतिमाएं क्षतिग्रस्त की गई थीं.
‘वैदिक फ्रेंड्स एसोसिएशन' के अध्यक्ष बालभद्र भट्टाचार्य दास (बेनी टिलमैन) ने कहा, ‘‘हिंदू धर्म मानने वाले एक अफ्रीकी अमेरिकी के तौर पर, मुझे इस बात का बेहद दुख है कि किसी ने उस महात्मा गांधी का अनादर किया, जिन्होंने एमएलके (मार्टिन लूथर किंग) को अहिंसा का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया, जिन्होंने समाज में बड़े बदलावों को प्रेरित किया, जिनका आज भी हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव है.''
‘हिंदूपैक्ट' के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि अमेरिका में गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की यह पहली घटना नहीं है.
‘अमेरिकन हिंदू अगेंस्ट डिफेमेशन' (एएचएडी) के संयोजक अजय शाह ने एक बयान में कहा कि गांधी और उनके द्वारा चलाए गए स्वतंत्रता आंदोलन ने किंग और अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन को प्रेरित किया.
शाह ने कहा, ‘‘अटलांटा में एमएलके मैमोरियल में महात्मा गांधी को समर्पित एक क्षेत्र है. यह कोई संयोग की बात नहीं है कि ‘ब्लैक हिस्ट्री मंथ' के दौरान गांधी की प्रतिमा को विरूपित किया गया है. इस कृत्य के अपराधी और उनके प्रायोजक यह संदेश दे रहे हैं कि उन्होंने शांति, मानवाधिकार, स्वतंत्रता और सभी के समान अधिकार को स्वीकार नहीं किया है.''
भारत के बाहर अमेरिका में ही महात्मा गांधी की सबसे अधिक प्रतिमाएं हैं.
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कहा था, ‘‘तत्काल जांच के लिए अमेरिका के विदेश मंत्रालय के समक्ष इस मामले को उठाया गया है और उनसे इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.''
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