भारत द्वारा जी-20 समूह की अध्यक्षता के लिए जो लोगो तैयार किया गया है, उसमें कमल के फूल का चित्र इस्तेमाल करने से विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि कमल का फूल भारतीय जनता पार्टी (BJP) का चुनाव चिह्न है. कांग्रेस ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए BJP पर 'बेशर्मी' से खुद का प्रचार करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसी तरह के एक कदम को खारिज कर दिया था. जयराम रमेश ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, "70 से भी ज़्यादा साल पहले, नेहरू ने कांग्रेस के झंडे को भारत का झंडा बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था... अब, BJP का चुनाव चिह्न जी-20 की भारत की अध्यक्षता का आधिरकारिक लोगो बन गया है... यह भौंचक्का कर देने वाला तो है ही, यह भी बता रहा है कि मोदी जी और BJP बेशर्मी से खुद का प्रचार करने का कोई मौका नहीं गंवाने वाले..."
कुछ ही देर बाद, BJP के प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने एक ट्वीट कर पलटवार किया, "क्या आप कमलनाथ के नाम से कमल हटा देंगे...?"
शहज़ाद पूनावाला ने लिखा, "कमल हमारे देश का राष्ट्रीय फूल है... यह मां लक्ष्मी का आसन भी है - क्या आप हमारे राष्ट्रीय फूल के खिलाफ हैं...? क्या आप कमलनाथ के नाम से कमल हटा देंगे...? वैसे, राजीव का अर्थ भी कमल ही होता है... उम्मीद है, वहां आपको कोई एजेंडा नहीं दिखता होगा..."
Lotus happens to be our National Flower! It also happens to be the aasan of Maa Lakshmi - Are you opposed to our national flower? Will you remove Kamal from name of Kamal Nath?
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) November 9, 2022
Btw Rajiv also means Kamal ! Hope you see no agenda there !!! pic.twitter.com/Y62kiHkjxR
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, "भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने के ऐतिहासिक मौके पर मैं देशवासियों को बधाई देता हूं... 'वसुधैव कुटुम्बकम्' (सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है) समूची दुनिया के प्रति भारत का लगाव है... कमल भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है, और भरोसा दिलाता है कि समूची दुनिया एक हो सकती है..."
उन्होंने कहा था, "जी-20 का यह लोगो सिर्फ एक प्रतीक चिह्न नहीं है, यह संदेश है, यह हमारी रगों में बह रही भावना है... यह एक दृढ़ निश्चय है, जिसने अब हमारे विचारों में जगह बना ली है..."
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जी-20 के अध्यक्ष पद पर पहुंचना अब तय है और यह 130 भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है. कोरोना महामारी से उबरती और जंग और आर्थिक अनिश्चितता झेलती दुनिया के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत को अध्यक्षता ऐसे वक्त में मिली है जब दुनिया संकट और अव्यवस्था से जूझ रही है... हालात कैसे भी हों, कमल खिलकर ही रहेगा..."
जी-20 शिखर सम्मेलन 15 और 16 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली शहर में होगा, और उसमें शिरकत करने वाले शीर्ष नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे.
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