नई दिल्ली/पुणे:
पुणे में FTII के 5 छात्रों की मंगलवार देर रात गिरफ़्तारी के बाद बवाल बढ़ता देख केंद्र सरकार की तीन सदस्यीय टीम आज FTII पहुंची। इस दौरान टीम के सदस्य पूरे मामले की जांच करेंगे और प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बात करेंगे। ये टीम सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से नियुक्त की गई है और इस टीम का नेतृत्व एस एम ख़ान कर रहे है। पिछले 71 दिनों से प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में दखल देकर इस मामले में कदम उठाना चाहिए। छात्रों की मांग है कि टीवी कलाकार गजेंद्र चौहान को एफटीआइआइ के चैयरमेन पद से हटाया जाए।
दरअसल, FTII के नए चेयरमैन गजेंद्र चौहान को लेकर जारी विवाद के बीच अब केंद्र सरकार नरम पड़ती दिख रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़, सरकार किसी भी तरह की बहस को तैयार है। वहीं सूत्रों के मुताबिक़, आधी रात को छात्रों की गिरफ़्तारी के बारे में मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं थी।
70 दिनों से चल रहे इस विवाद को खत्म कराने के लिए आंदोलनरत छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दखल देने की मांग भी की। बुधवार को कोर्ट से मिली ज़मानत के बाद कैंपस लौटकर छात्रों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये मांग की। पुणे पुलिस ने मंगलवार आधी रात को एफटीआईआई कैंपस से संस्थान के निदेशक प्रशांत पाथराबे को बंधक बनाने, सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ के आरोप में 5 छात्रों को गिरफ्तार किया था, एफआईआर में 17 छात्रों के नाम थे। बुधवार को सभी छात्रों को कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने छात्रों को हिरासत में देने की पुलिस की मांग ठुकरा दी।
कैंपस लौटने के बाद छात्रों ने कहा " हम प्रधानमंत्री को कैंपस में लाने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे। हम सारे देशवासियों से अपील करते हैं कि वो समझने की कोशिश करें कि संस्थान में क्या चल रहा है। हम देश में सारे छात्रों से अपील करते हैं कि अगर सरकार हमारी मांगों पर ऐसे ही अंसवेदनशील बनी रहती है तो फिर उसके ख़िलाफ मोर्चा खोलें।"
दरअसल, FTII के नए चेयरमैन गजेंद्र चौहान को लेकर जारी विवाद के बीच अब केंद्र सरकार नरम पड़ती दिख रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़, सरकार किसी भी तरह की बहस को तैयार है। वहीं सूत्रों के मुताबिक़, आधी रात को छात्रों की गिरफ़्तारी के बारे में मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं थी।
70 दिनों से चल रहे इस विवाद को खत्म कराने के लिए आंदोलनरत छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दखल देने की मांग भी की। बुधवार को कोर्ट से मिली ज़मानत के बाद कैंपस लौटकर छात्रों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये मांग की। पुणे पुलिस ने मंगलवार आधी रात को एफटीआईआई कैंपस से संस्थान के निदेशक प्रशांत पाथराबे को बंधक बनाने, सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ के आरोप में 5 छात्रों को गिरफ्तार किया था, एफआईआर में 17 छात्रों के नाम थे। बुधवार को सभी छात्रों को कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने छात्रों को हिरासत में देने की पुलिस की मांग ठुकरा दी।
कैंपस लौटने के बाद छात्रों ने कहा " हम प्रधानमंत्री को कैंपस में लाने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे। हम सारे देशवासियों से अपील करते हैं कि वो समझने की कोशिश करें कि संस्थान में क्या चल रहा है। हम देश में सारे छात्रों से अपील करते हैं कि अगर सरकार हमारी मांगों पर ऐसे ही अंसवेदनशील बनी रहती है तो फिर उसके ख़िलाफ मोर्चा खोलें।"
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