फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) गणतंत्र दिवस परेड बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने के लिए भारत आ चुके हैं. वो फिलहाल जयपुर में हैं. वह अपने दो दिन के भारत दौरे पर हैं. इस दौरान वह गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल भी होंगे. जयपुर में रहते हुए मैक्रों आमेर का किला, हवा महल और रामबाग पैलेस भी जाएंगे.
ऐसे में ये जानना बेहद खास है कि आखिर हवा महल, आमेर का किला और रामबाग पैलेस किस वजह से खास हैं. आइये इन तीनों जगहों से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं...
बात अगर हवा महल की करें तो यह जयपुर का एक आकर्षक इमारत है, जो अपनी गुलाबी रंग की बालकनियों और जालीदार खिड़कियों के लिए लोकप्रिय हैं. ये इतना खास है कि जयपुर आने वाले पर्यटक एक बार हवा महल जरूर आते हैं. हवा महल को एक ताज आकार में बनाया गया है.
हवा महल की कई खासियत हैं. सबसे पहली खासियत यह है कि पिरामिड के आकार के कारण यह स्मारक सीधी खड़ी है. यह एक पांच मंजिला इमारत है, लेकिन इसकी नींव ठोस ना होने के कारण यह घुमावदार है और 87 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है. हवा हमल में बनी 953 खिड़कियां इसे और भी विशेष बनाती हैं. आपको बता दें कि हवा महल को विशेष रूप से राजपूत सदस्यों और महिलाओं के लिए बनवाया गया था. ताकि वह इन खिड़कियों से शहर का सुंदर नजारा भी देख सेकें.
हवा महल इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें कोई सीढ़ी नहीं है. हालांकि यह इमारत पांच मंजिला है, ऐसे में सीढ़ी ना होने के वजह से इसपर चढ़ने के लिए आपको रैंप की सहायता लेने होती है.
हवा महल में कोई सामने का भी द्वार नहीं है. कहा जाता है कि हवा महल को सिटी पैलेस के एक हिस्से के रूप में बनाया गया था. इसलिए इसमें कोई प्रवेश द्वार नहीं है. हवा महल का नाम इस इमारत में बनी पांचवीं मंजिल के नाम पर खा गया है. क्योंकि पांचवीं मंजिल को हवा मंदिर के नाम से जाना जाता है. इसी वजह इस पूरी इमारत का नाम भी हवा महल रखा गया है.
ये जानकर आपको आश्चर्य होगा कि हवा महल को बगैर किसी ठोस नींव के बनाई गई है. लिहाजा इसे बिना किसी नींव के दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में से एक माना जाता है.
जयुपर के हवा महल की तरह ही यहां स्थित स्थित आमेर भी अपने आप में अलग है. आमेर का किला अपनी राजसी, सुंदर वास्तुकला और समृद्ध इतिहास के कारण यहां घूमने आने वाले पर्यटकों के बीच सबसे चर्चित जगहों में से एक है. जयुपर आने वाले लोग खास तौर पर आमेर और उसके महलों, मंदिरों और उद्यानों में एक दिन जरूर बिताते हैं.
माओटा झील है बेहद खास
आमेर के किले में ये अंबर किले के बगल में एक चट्टान के नीचे स्थित . प्राचीन लोककथाओं के अनुसार, जब पत्थर पूरी तरह से डूब जाएगा तो अंबर राज्य समाप्त हो जाएगा. खास बात ये है कि आमेर किले का नाम पृथ्वी और उर्वरता की देवी अम्बा माता के नाम पर पड़ा है. इसमें बना शीश महल सबसे बड़े आकर्षणों में से एक है. सदियों बाद भी यह जगह आज भी उतनी ही मनमोहक और खूबसूरत है जितनी पहले थी. इस महल में हॉल ऑफ मिरर्स, देखने लायक जगह हैं, जिसे केवल एक मोमबत्ती से पूरी तरह से रोशन किया जा सकता है.
इस किले में कुल चार खंड हैं, और आप उनमें राजसी द्वारों से प्रवेश करते हैं जिनका अपना इतिहास है. सूरज पोल आपको किले के अंदर में ले जाता है. कहा जाता है कि सेना अपने राजा के लिए मार्च करती थी. आमेर किले में 2 किलो मीटर लंबी एक सुरंग भी है जो जयगढ़ किले तक जाती है. यह भी मुख्य आकर्षणों में से एक है.
रामबाग पैलेस देश के सबसे महंगे होटलों में से एक है
रामबाग पैलेस कुल 47 एकड़ में बना है. इस होटल में कई आलीशान सुईट, मार्बल के गलियारे, हवादार बरामदे और राजसी गार्डन हैं. ये होटल भारत के सबसे महंगे होटलों में से एक है.
अगर हम रामबैग पैलेस के किराये की बात करें तो इस पैलेस में सिर्फ एक रात का किराया सात लाख रुपये ज्यादा है. इस होटल में सबसे महंगा सुइट ग्रांड प्रेसिडेंशियल वन बेडरूम सुइट है. इसका किराया हर दिन का 11 लाख रुपये है.
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