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This Article is From Feb 17, 2024

"भारत छोड़ने को मजबूर": OCI कार्ड को लेकर विवाद के बाद फ्रांसीसी पत्रकार

फ्रांसीसी पत्रकार (French Journalist OCI Card Row) ने कहा कि भारत छोड़ना उनकी पसंद नहीं थी बल्कि उन्हें सरकार ने मजबूर किया. उन पर लेखों के द्वारा "दुर्भावनापूर्ण" और "भारत की संप्रभुता और अखंडता के हितों" को नुकसान पहुंचाने का दावा किया गया.

"भारत छोड़ने को मजबूर": OCI कार्ड को लेकर विवाद के बाद फ्रांसीसी पत्रकार
फ्रांसीसी पत्रकार वैनेसा डौगनैक.
नई दिल्ली:

फ्रांसीसी पत्रकार वैनेसा डौगनैक ने शनिवार को बताया कि वह भारत छोड़ रही हैं. उन्होंने यह कहते हुए भारत छोड़ दिया कि वह प्रवासी भारतीय नागरिक कार्ड को रद्द मामले में सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिस के तहत शुरू की गई कानूनी प्रक्रिया के नतीजे का इंतजार नहीं कर सकतीं. वैनेसा डौगनैक (French journalist Vanessa Dougnac Leave India) ने एक बयान में कहा, "आज, मैं भारत छोड़ रही हूं, यह ही देश है, जहां मैं 25 साल पहले एक छात्र के रूप में आई थी, जहां मैंने एक पत्रकार के रूप में 23 साल तक काम किया है. यहीं मैने शादी की, अपने बेटे का पालन-पोषण किया और जिसे मैं अपना घर कहती हूं." 

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फ्रांसीसी पत्रकार OCI कार्ड विवाद

पिछले महीने, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय ने डौग्नैक को एक नोटिस भेजकर पूछा था कि उसका ओसीआई कार्ड रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए, यह दावा किया गया कि वह "नागरिकता अधिनियम 1955 और उसके तहत जारी नियमों/विनियमों के तहत जरूरी किसी विशेष अनुमति के बिना पत्रकारिता गतिविधियां कर रही थी."

"भारत छोड़ने को मजबूर किया गया"

फ्रांसीसी पत्रकार ने कहा कि भारत छोड़ना उनकी पसंद नहीं थी बल्कि उन्हें सरकार ने मजबूर किया. उन पर लेखों के द्वारा "दुर्भावनापूर्ण" और "भारत की संप्रभुता और अखंडता के हितों" को नुकसान पहुंचाने का दावा किया गया.बता दें कि डौगनैक को मिले नोटिस का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में भी उठा था, जब मैक्रॉन गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आए थे.

"नियमों पर फ्रांस ने की भारत की सराहना"

26 जनवरी को, विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि फ्रांस मामले को पूरी तरह से नियमों के अनुपालन के तहत देखने के लिए भारत के "फ्रेंम ऑफ रेफरेंस" की "सराहना" करता है. विदेश सचिव ने कहा था कि लोगों को जो काम करने की अनुमति दी गई है, वह उसे करने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्हें लगता है कि यहां मुख्य मुद्दा यह है कि क्या लोग उस राज्य के रूल-रेगुलेशन का पालन कर रहे हैं जिसके तहत वे आते हैं."

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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