तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) को अपने घर पर गिरने के बाद आज सुबह लगभग 2 बजे हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों को संदेह है कि 69 वर्षीय केसीआर को गिरने के बाद कूल्हे में फ्रैक्चर हुआ होगा और सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है. उन्हें शुक्रवार देर रात करीब 2 बजे हैदराबाद के यशोदा अस्पताल ले जाया गया. केसीआर के कार्यालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections) में के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के हारने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री हैदराबाद के निकट एर्रावेली में अपने फार्महाउस में रह रहे हैं. तीन दिसंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले केसीआर पिछले तीन दिनों से अपने घर पर लोगों से मिल रहे थे.
सूत्रों ने कहा कि डॉक्टर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष राव (69) की स्थिति की जांच कर रहे हैं. इस संबंध में एक मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने केसीआर के जल्द स्वस्थ होने की कामना की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) के गिरकर चोटिल होने पर चिंता जताई और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'यह जानकर व्यथित हूं कि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को चोट लगी है. मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं.'
Distressed to know that former Telangana CM Shri KCR Garu has suffered an injury. I pray for his speedy recovery and good health.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2023
केसीआर 2014 से 2023 तक तेलंगाना के सीएम रहे
करीब एक दशक पहले तेलंगाना के नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आने से लेकर अब तक भारत राष्ट्र समिति के प्रमुख के. चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री थे. केसीआर (Congress)ने 2014 से 2023 तक तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में मिली हार
हाल ही में कांग्रेस ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बीआरस (BRS) को हराया है. पार्टी को 119 सदस्यीय विधानसभा में 64 सीटें मिलीं तो बीआरएस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा.
केसीआर के नेतृत्व वाली बीआरएस को केवल 39 सीटें मिलीं
केसीआर ने तेलंगाना में दो सीटों से चुनाव लड़ा और गजवेल सीट जीती लेकिन कामारेड्डी से हार गए. वह कामारेड्डी सीट पर भाजपा के कटिपल्ली वेंकट रमण रेड्डी से हार गए, जिन्होंने इस सीट से केसीआर और रेवंत रेड्डी दोनों को हराया. कांग्रेस के रेवंत रेड्डी ने कल 11 मंत्रियों के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. कांग्रेस ने 119 सीटों में से 64 सीटें जीतीं.जबकि बीआरएस को केवल 39 सीटें मिलीं. 2014 में तेलंगाना अस्तित्व में आने के बाद से यह बीआरएस की पहली हार थी,
कांग्रेस ने 119 सदस्यीय विधानसभा की 64 सीट पर जीत हासिल की
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस ने 119 सदस्यीय विधानसभा की 64 सीट पर जीत हासिल की और उसे 39.40 प्रतिशत वोट मिले। वहीं, 39 सीट पर जीत हासिल करने वाली बीआरएस का मत प्रतिशत 37.35 प्रतिशत रहा. साल 2018 के चुनाव में बीआरएस को 47 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार हुए चुनाव में उसे लगभग 10 प्रतिशत वोट का नुकसान हुआ. वहीं, कांग्रेस को पिछले चुनाव की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक वोट मिले हैं.
वर्ष 2018 में बीआरएस ने 88 सीट जीती थीं, जबकि कांग्रेस 19 सीट जीत पाई थी और उसे 28.3 प्रतिशत वोट मिले थे. तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान हुआ था और मतगणना तीन दिसंबर को हुई थी.
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