पप्पू यादव की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
आरजेडी के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। केंद्र ने एक हफ्ते पहले ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दी थी। राज्य में चुनाव से कई महीने पहले यह कदम उठाया गया है।
भाजपा नीत एनडीए पप्पू यादव को अपने खेमे में करने के प्रयास में है जो पूर्णिया-मधेपुरा क्षेत्र में अपने समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं। अपने विरोधियों को सुरक्षा कवच दिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जनता दल यूनाईटेड ने इसे ‘षड्यंत्र’ बताया और केंद्र पर राज्य के मामलों में ‘सीधे हस्तक्षेप’ के आरोप लगाए।
बिहार के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकार से आग्रह किया जाता है कि राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाए। ‘उनके राजनीतिक विरोधियों, अपराधियों, भाकपा (माओवादी) और बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए’ उन्हें यह सुरक्षा देने का आग्रह किया गया।
पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के लिए इस वर्ष मई में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से छह वर्षों के लिए निष्कासित यादव ने जनक्रांति अधिकार मोर्चा नाम से नए राजनीतिक संगठन की शुरूआत की। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि पप्पू यादव की सुरक्षा व्यवस्था के सिलसिले में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मंत्रालय में चर्चा हुई।
गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को अपने पत्र में कहा, ‘उनकी रिपोर्ट के मुताबिक पप्पू यादव को राजनीतिक विरोधियों, अपराधियों और भाकपा (माओवादी) से खतरे को देखते हुए और साथ ही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त की सूची में रख सकती है और उन्हें वाई श्रेणी की संपूर्ण सुरक्षा मुहैया कराई जाए।’
मंत्रालय ने कहा, ‘इसलिए बिहार सरकार से आग्रह किया जाता है कि राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाए और तुरंत उन्हें यह सुरक्षा मुहैया कराई जाए ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।’
भाजपा नीत एनडीए पप्पू यादव को अपने खेमे में करने के प्रयास में है जो पूर्णिया-मधेपुरा क्षेत्र में अपने समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं। अपने विरोधियों को सुरक्षा कवच दिए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जनता दल यूनाईटेड ने इसे ‘षड्यंत्र’ बताया और केंद्र पर राज्य के मामलों में ‘सीधे हस्तक्षेप’ के आरोप लगाए।
बिहार के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकार से आग्रह किया जाता है कि राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी जाए। ‘उनके राजनीतिक विरोधियों, अपराधियों, भाकपा (माओवादी) और बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए’ उन्हें यह सुरक्षा देने का आग्रह किया गया।
पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने के लिए इस वर्ष मई में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से छह वर्षों के लिए निष्कासित यादव ने जनक्रांति अधिकार मोर्चा नाम से नए राजनीतिक संगठन की शुरूआत की। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि पप्पू यादव की सुरक्षा व्यवस्था के सिलसिले में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मंत्रालय में चर्चा हुई।
गृह मंत्रालय ने 27 जुलाई को अपने पत्र में कहा, ‘उनकी रिपोर्ट के मुताबिक पप्पू यादव को राजनीतिक विरोधियों, अपराधियों और भाकपा (माओवादी) से खतरे को देखते हुए और साथ ही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त की सूची में रख सकती है और उन्हें वाई श्रेणी की संपूर्ण सुरक्षा मुहैया कराई जाए।’
मंत्रालय ने कहा, ‘इसलिए बिहार सरकार से आग्रह किया जाता है कि राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाए और तुरंत उन्हें यह सुरक्षा मुहैया कराई जाए ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।’
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