अहमदाबाद:
गुजरात में लोकायुक्त पद को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। (सेवानिवृत्त) जस्टिस आरए मेहता ने गुजरात का लोकायुक्त बनने से मना कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि जब राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है, तो किसी भी लोकायुक्त के लिए असरदार तरीके से काम करना संभव नहीं हो पाएगा। जस्टिस मेहता ने यह भी कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया है, इसलिए मैंने लोकायुक्त बनने के लिए पहले दी गई अपनी मंजूरी वापस ले ली है।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कमला बेनीवाल ने राज्य सरकार की अनदेखी करते हुए न्यायाधीश आरए मेहता को प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन इस वर्ष जनवरी में उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय ने भी इस नियुक्ति को सही ठहराया था।
उन्होंने आरोप लगाया है कि जब राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है, तो किसी भी लोकायुक्त के लिए असरदार तरीके से काम करना संभव नहीं हो पाएगा। जस्टिस मेहता ने यह भी कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई नोटिफिकेशन नहीं निकाला गया है, इसलिए मैंने लोकायुक्त बनने के लिए पहले दी गई अपनी मंजूरी वापस ले ली है।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कमला बेनीवाल ने राज्य सरकार की अनदेखी करते हुए न्यायाधीश आरए मेहता को प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी, लेकिन इस वर्ष जनवरी में उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय ने भी इस नियुक्ति को सही ठहराया था।
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