फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बातचीत से ही समस्या का हल निकाला जा सकता है.
नई दिल्ली:
एनडीटीवी के खास प्रोग्राम 'हम लोग' में चर्चा के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर पीएम मोदी ने सभी का दिल जीता होता तो क्या बच्चे बंदूकें उठाते? उन्होंने कहा, आप तालिबान से बात करने के लिए रूस जा सकते हैं, लेकिन कश्मीर में हुर्रियत आदि से बात करने के लिए तैयार नहीं हैं. हम अपने ही घर में लोगों से बात नहीं कर रहे हैं. घर में झगड़े होते हैं तो उसे घर में ही सुलझाया जाता है. भले ही मतभेद हो, लेकिन वे हिंदुस्तानी हैं और उनसे बात करनी चाहिए. हो सकता है कि बातचीत से कई मसले हल हो जाएं. उन्होंने कहा कि कश्मीर में कई गलत चीजें हैं और दूसरी गलती से उसे ठीक नहीं किया जा सकता है. डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसी कोई चेन नहीं है जिसे हम खोलकर दिखा दें कि हिंदुस्तानी हैं. मेरे दिल के चारों खाने में हिंदुस्तान लिखा है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते बेहद अच्छे हो जाएंगे. वैसे ही जैसे यूरोपियन यूनियन के देशों में है. वह दिन आएगा. सार्क देश भी ऐसे होंगे.
फारूक अब्दुल्ला बोले, राज्य में हमारी सरकार बनती देख राज्यपाल ने दिल्ली के इशारे पर भंग कर दी असेंबली
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे जितनी अपने मुल्क से मोहब्बत है उतनी ही पाकिस्तान से भी. पहले वह हमारा ही हिस्सा था...हमारा ही मुल्क था. अंग्रेजों ने दीवार खड़ी कर दी, लेकिन दिलों पर दीवार नहीं खड़ी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तो सिर्फ एक पद है, ऐसा काम करना चाहिए जो दिलों को जोड़ सके. जिस तरह लोग गांधी को याद करते हैं. वो हिंदुस्तान जिसमें किसी को कोई डर न हो. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जैसे-जैसे हम कश्मीर के लोगों का दिल जीतेंगे, चीजें ठीक होंगी. एक सवाल के जवाब में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ज्यादा संजीदा हैं. उनकी सोच जवां है और वे उसी तरीके से सोचते हैं. वे रिजर्व हैं, लेकिन मैं कभी रिजर्व नहीं रहा हूं. मुझसे कभी नो नहीं कहा जाता है. मैं किसी का दिल नहीं दुखाता. 2019 में महागठबंधन के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू प्रयासरत हैं. हम लोग भी लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि इन्हें साढ़े चार साल भगवान राम याद नहीं आए, लेकिन अब चुनाव सिर पर आते ही यह मुद्दा उठा है.
VIDEO: हम लोग : कश्मीर के सबसे तज़ुर्बेकार नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला से खास मुलाकात
फारूक अब्दुल्ला बोले, राज्य में हमारी सरकार बनती देख राज्यपाल ने दिल्ली के इशारे पर भंग कर दी असेंबली
डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे जितनी अपने मुल्क से मोहब्बत है उतनी ही पाकिस्तान से भी. पहले वह हमारा ही हिस्सा था...हमारा ही मुल्क था. अंग्रेजों ने दीवार खड़ी कर दी, लेकिन दिलों पर दीवार नहीं खड़ी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तो सिर्फ एक पद है, ऐसा काम करना चाहिए जो दिलों को जोड़ सके. जिस तरह लोग गांधी को याद करते हैं. वो हिंदुस्तान जिसमें किसी को कोई डर न हो. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जैसे-जैसे हम कश्मीर के लोगों का दिल जीतेंगे, चीजें ठीक होंगी. एक सवाल के जवाब में फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ज्यादा संजीदा हैं. उनकी सोच जवां है और वे उसी तरीके से सोचते हैं. वे रिजर्व हैं, लेकिन मैं कभी रिजर्व नहीं रहा हूं. मुझसे कभी नो नहीं कहा जाता है. मैं किसी का दिल नहीं दुखाता. 2019 में महागठबंधन के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू प्रयासरत हैं. हम लोग भी लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि इन्हें साढ़े चार साल भगवान राम याद नहीं आए, लेकिन अब चुनाव सिर पर आते ही यह मुद्दा उठा है.
VIDEO: हम लोग : कश्मीर के सबसे तज़ुर्बेकार नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला से खास मुलाकात
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं