कौशल विकास घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व CM चंद्रबाबू नायडू को फिलहाल राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अगले हफ्ते के लिए टाल दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में जज जस्टिस एसवीएन भट्टी ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. नायडू ने FIR और रिमांड आदेश के कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर तीन अक्तूबर को अब सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने नायडू की ये मांग भी ठुकराई कि उन्हें पुलिस हिरासत में ना लिया जाए.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट को ऐसी अर्जी पर सुनवाई से नहीं रोक सकते. नायडू ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पिछले शुक्रवार को उनकी एफआईआर और रिमांड आदेश रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी.
हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी जमानत याचिका
उच्च न्यायालय ने कौशल विकास घोटाले में आंध्र प्रदेश सीआईडी द्वारा नायडू के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की अर्जी खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए चंद्रबाबू नायडू के वकीलों ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट में सीआईडी की ओर से कहा गया था कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17 (ए) चंद्रबाबू पर लागू होती है.
लेकिन नायडू की याचिका में एसीबी कोर्ट से जारी रिमांड को रद्द करने की भी मांग की गई है. चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम के धन का दुरुपयोग करने के आरोप में 8 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. इसके कारण सरकारी खजाने को कथित रूप से 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
नायडू अभी राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में बंद हैं
नायडू अभी राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में बंद हैं. इससे पहले आंध्र प्रदेश पुलिस सीआईडी अधिकारियों की एक टीम ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू से केंद्रीय कारागार में पूछताछ की थी. न्यायालय ने समय की कमी, स्वास्थ्य और पूर्व मुख्यमंत्री की उम्र को देखते हुए जेल परिसर में ही नायडू से पूछताछ की अनुमति दे दी थी.
आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की टीम ने चंद्रबाबू नायडू से राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में दो दो दिन पूछताछ रविवार को पूरी कर ली. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कोर्ट की ओर से हिरासत में भेजे जाने के बाद उनसे पूछताछ की गई. अदालत के आदेशों के मुताबिक नायडू से दो दिन (23 और 24 सितंबर) सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक पूछताछ की गई. इस दौरान उन्हें नियमित आधार पर पांच-पांच मिनट का ‘ब्रेक' दिया गया, ताकि वे अपने वकील से संपर्क कर सकें. वो पांच अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं.
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