विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla)इस समय दो दिवसीय म्यांमार दौरे पर हैं. दौरे में उन्होंने इस बात पर ज़ोर डाला कि म्यांमार जल्द से जल्द वापस लोकतंत्र की तरफ लौटे और जिन्हें हिरासत में लिया गया है या गिरफ्तार किया है उन्हें जल्द रिहा किया जाए. इसके साथ ही सभी मुद्दे चर्चा के जरिए सुलझाए जाएं और हिंसा बंद हो. विदेश सचिव ने म्यांमार में स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल (SAC)के अध्यक्ष, राजनीतिक दलों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों से मुलाकात की. आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के सदस्यों से भी उन्होंने मुलाकात की. विदेश सचिव ने इस मुलाकात में सुरक्षा को लेकर भी भारत की चिंता से SAC अध्यक्ष को अवगत कराया खासकर मणिपुर के चूराचंद्पुर की घटना के संदर्भ में, जहां भारतीय सेना के कर्नल, उनके परिवार और कुछ सैनिक प्रतिबंधित गुटों के हमले में मारे गए थे.
विदेश सचिव ने इस पर ज़ोर डाला कि सीमा के इलाकों में हिंसा बंद हो और शांति और स्थिरता बहाल हो. दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि अपने यहां की ज़मीन को, एक-दूसरे के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देंगे. म्यांमार के साथ भारत की करीब 1700 किलोमीटर लंबी सीमा है और वहां की कोई भी स्थिति सीधे तौर पर भारत के सीमावर्ती इलाकों पर असर डालती है. इस लिहाज से म्यांमार की शांति और स्थिरता भारत के उत्तर पूर्व इलाकों के लिए अहम है. म्यांमार में सेना के सत्ता संभालने के बाद ये भारत का पहला आधिकारिक और उच्चस्तरीय म्यांमार दौरा है.
विदेश सचिव श्रृंगला ने म्यांमार को भरोसा दिया कि ASEAN को भारत का मज़बूत और अनवरत समर्थन है. इस बात के अब संकेत मिल रहे हैं कि कंबोडिया की अध्यक्षता में अब म्यांमार को ASEAN में भाग लेने से रोका नहीं जाएगा. विदेश सचिव ने कोविड से निबटने के लिए वैक्सीन के 10लाख डोज़ म्यांमार रेड क्रॉस सोसाइटी को सौंपे. 10 हज़ार टन चावल देने का ऐलान भी किया गया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं