राजस्थान के कोटा, झालावाड़ और आसपास के इलाकों में भारी बारिश और बाद में बांधों से अत्यधिक पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. जिला प्रशासन ने कोटा, झालावाड़ और बूंदी में सरकारी और निजी स्कूलों में मंगलवार को अवकाश घोषित कर दिया. इन जिलों में आज सोमवार को भी स्कूल बंद रहे. तीनों जिलों में कोटा सबसे ज्यादा प्रभावित है. पुलिस ने बताया कि प्रदेश के टोंक जिले में सोमवार को उफनते नाले में एक दंपती बह गए.
टोंक के उनियारा के पुलिस उपाधीक्षक खलील अहमद ने बताया कि घटना मंडावारा गांव की है, जहां 40 वर्षीय महिला समोदरा मीणा अपने घर के पीछे नाले में गिर गई और उसका पति बाबू लाल मीणा (45) भी उसे बचाने के लिए नाले में कूद गया, लेकिन दोनों की मौत हो गई.
कोटा के जिला कलेक्टर ओ पी बुनकर ने बताया कि लगभग 3500 लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित स्थानों और अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित कर दिया गया है, क्योंकि निचले इलाकों में पानी में डूब गए हैं. बुनकर ने बताया कि अकेले कोटा शहर की कॉलोनियों से 1500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और एसडीआरएफ की टीमों को भी काम में लगाया गया है. उन्होंने कहा कि बारिश और कोटा बैराज से छोड़े गए पानी के कारण निचले इलाके जलमग्न हो गये हैं .
इस बीच अधिकारियों ने बताया कि कोटा और बूंदी में सोमवार को स्कूल बंद रहे और मंगलवार को भी छुट्टी की घोषणा की गयी है. उन्होंने बताया कि कोटा में कोचिंग संस्थान भी बंद रहे. कोटा बैराज के 19 में से 14 गेट खोलकर अब तक करीब 3.83 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. अधिकारियों ने कोटा बैराज से 5.75 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की योजना बनाई है.
इस बीच कलेक्टर ने कहा, “कोटा में निचले इलाकों से 1500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. स्कूल भवनों का उपयोग अस्थायी आश्रय गृह के रूप में किया जा रहा है.'' अधिकारियों ने बताया कि झालावाड़ में कालीसिंध बांध से 2.8 लाख क्यूसेक और झालावाड़ के भीम सागर बांध से 25200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. उन्होंने बताया कि कोटा के प्रगति नगर में सात फीट लंबा मगरमच्छ बारिश के पानी में देखा गया और उसे बचा लिया गया. कुछ ग्रामीण क्षेत्र जिला मुख्यालय से कट गये है.
मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे के दौरान कोटा और झालावाड़ जिले के मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई. अधिकारियों ने बताया कि इस अवधि के दौरान झालावाड़ के डग में सबसे अधिक 234 मिमी और कोटा शहर में 224 मिमी बारिश दर्ज की गई.
विभाग के अनुसार, आज सुबह से शाम तक कोटा में 24.7 मिमी बारिश हुई. बारां में 25.5 मिमी, बूंदी में 24.4 मिमी और चित्तौड़गढ़ में 24 मिमी दर्ज किया गया. इस दौरान कई अन्य क्षेत्रों में 24 मिमी से कम बारिश दर्ज की गई.
इस बीच, कोटा जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि राणा प्रताप सागर बांध (चित्तौड़गढ़) और जवाहर सागर बांध (कोटा) के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश के कारण चंबल नदी पर कोटा बैराज में पानी का प्रवाह बढ़ गया है. उन्होंने बताया कि 19 में से 13 गेट कल रात पानी छोड़ने के लिए खोले गए और सोमवार को एक और गेट खोला गया. अब तक बैराज से करीब 3.83 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है.
अधिकारी ने बताया कि इसी तरह का कदम झालावाड़ में बांधों से अत्यधिक पानी छोड़ने के लिए उठाया गया था. कोटा बैराज के गेट खोलने से पहले अलर्ट कर दिया गया था और जब से पानी छोड़ा गया है, कई निचले इलाके पानी में डूब गए हैं. उन्होंने बताया कि कोटा के तलवंडी, पुराना कोटा की कॉलोनियों, बजरंग नगर, जवाहर नगर, स्टेशन रोड, बालाजी नगर आदि क्षेत्रों में लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई और पानी घरों में घुस गया.
स्थिति को देखते हुए निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है. अधिकारी ने कहा कि कोटा के निचले इलाकों अनंतपुरा, बालाजी नगर, तिरुपति विहार और कौटिल्य नगर से लगभग 60 लोगों को स्थानांतरित किया गया.
इससे पूर्व कोटा जिला कलेक्टर ओ पी बुनकर ने सोमवार सुबह नयापुरा कच्ची बस्ती व बालिता रोड सहित निचले इलाकों में क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने भारी बारिश की चेतावनी और बैराज से पानी छोड़े जाने के मद्देनजर सभी व्यवस्थाओं को तैयार रखने के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए.
कोटा और झालावाड़ के अलावा, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, दौसा और करौली के कई इलाकों में भी भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई. पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान में व्यापक बारिश हुई है.
मौसम विभाग ने सोमवार को पूर्वी राजस्थान में छिटपुट स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा और पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है. राजधानी जयपुर में भी कल शाम से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है.
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