अस्मा जावेद की फाइल तस्वीर
अलीगढ़:
प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र चुनाव लड़ने वाली पहली महिला बुधवार को अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गईं।
28 साल की अस्मा जावेद के बारे में आशंका जताई जा रही है कि उसकी मौत तीन या चार दिन पहले हो गई थी। सिविल लाइन्स इलाके में स्थित फ्लैट से दुर्गंध आने की पड़ोसियों की शिकायत के बाद पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी और अस्मा का शव बरामद किया।
उनके भाई सलमान जावेद ने आशंका जताई है कि कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है, क्योंकि पिछले कुछ दिन से अस्मा का स्विच ऑफ आ रहा था। सलमान ने कहा, मेरी अस्मा से 9 मई के बाद से बात नहीं हुई थी। पड़ोसी लगातार कह रहे थे कि उसके फ्लैट से बहुत बदबू आ रही थी। हमारे चाचा भी पास में ही रहते हैं। मैंने पुलिस को खबर दी और दरवाजा खुलवाया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्रीकृष्ण ने बताया, "शव पूरी तरह सड़ चुका था। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि अस्मा की मौत कैसे हुई।" घर का दरवाजा चूंकि बाहर से बंद था, इसलिए हत्या की आशंका जताई जा रही है।
साल 2011 में अस्मा ने छात्र संघ के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। बताया जाता है कि बाद में पति के दक्षिण अमेरिका चले जाने के बाद से वह अकेली रह रही थीं। उनके फ्लैट से कुछ नकदी और टैबलेट गायब हैं।
उनके परिवार का आरोप है कि मौत की वजह उन अभियानों से जुड़ी हो सकती है, जो अस्मा ने यूनिवर्सिटी की छात्राओं के लिए चलाए थे। अस्मा महिलाओं को समान अधिकारों के लिए आवाज उठाती रही थी और उन्होंने दो साल पहले यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी। परिवार के अनुसार वह शैक्षणिक कोर्स करना चाहती थी।
28 साल की अस्मा जावेद के बारे में आशंका जताई जा रही है कि उसकी मौत तीन या चार दिन पहले हो गई थी। सिविल लाइन्स इलाके में स्थित फ्लैट से दुर्गंध आने की पड़ोसियों की शिकायत के बाद पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी और अस्मा का शव बरामद किया।
उनके भाई सलमान जावेद ने आशंका जताई है कि कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है, क्योंकि पिछले कुछ दिन से अस्मा का स्विच ऑफ आ रहा था। सलमान ने कहा, मेरी अस्मा से 9 मई के बाद से बात नहीं हुई थी। पड़ोसी लगातार कह रहे थे कि उसके फ्लैट से बहुत बदबू आ रही थी। हमारे चाचा भी पास में ही रहते हैं। मैंने पुलिस को खबर दी और दरवाजा खुलवाया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्रीकृष्ण ने बताया, "शव पूरी तरह सड़ चुका था। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि अस्मा की मौत कैसे हुई।" घर का दरवाजा चूंकि बाहर से बंद था, इसलिए हत्या की आशंका जताई जा रही है।
साल 2011 में अस्मा ने छात्र संघ के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। बताया जाता है कि बाद में पति के दक्षिण अमेरिका चले जाने के बाद से वह अकेली रह रही थीं। उनके फ्लैट से कुछ नकदी और टैबलेट गायब हैं।
उनके परिवार का आरोप है कि मौत की वजह उन अभियानों से जुड़ी हो सकती है, जो अस्मा ने यूनिवर्सिटी की छात्राओं के लिए चलाए थे। अस्मा महिलाओं को समान अधिकारों के लिए आवाज उठाती रही थी और उन्होंने दो साल पहले यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की थी। परिवार के अनुसार वह शैक्षणिक कोर्स करना चाहती थी।
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