पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है. यह शिकायत उनके सीएए को लेकर प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर दर्ज कराई गई है. घोष के खिलाफ शिकायत तृणमूल कांग्रेस के नेता कृष्णेन्दु बनर्जी द्वारा नादिया जिले के राणाघाट पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि घोष सांप्रदायिक माहौल पैदा कर रहे हैं. दिलीप घोष ने 12 जनवरी को बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को भाजपा शासित राज्यों उत्तर प्रदेश, असम, और कर्नाटक में 'कुत्तों की तरह गोली मार दी गई.'
घोष ने कहा था कि राज्य में एक करोड़ घुसपैठिए हैं. उन्होंने पिछले महीने सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान 500-600 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट होने का आरोप भी लगाया. घोष ने कहा था, 'क्या यह उनके पिताजी की संपत्ति है? वे कैसे सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो करदाताओं के पैसों से बनी है? उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक की सरकारों ने ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों पर गोली चलाकर बिलकुल ठीक काम किया.'
उन्होंने बंगाली हिंदुओं के हितों को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान करने का आह्नन भी किया. उन्होंने आरोप लगाया, 'अकेले पश्चिम बंगाल में एक करोड़ घुसपैठिए हैं और ममता बनर्जी उन्हें बचाने की कोशिश कर रही हैं.' बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने अपने संबोधन के दौरान कहा था, 'दीदी (ममता बनर्जी) की पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि वह उनके मतदाता हैं. उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक की हमारी सरकारों ने ऐसे लोगों को कुत्तों की तरह गोलियां चलाकर मार दिया.' घुसपैठियों को लेकर उन्होंने कहा था कि तुम यहां आते हो, हमारा खाना खाते हो, यहां रहते हो और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हो. उनके इस बयान से हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पल्ला झाड़ लिया था.
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने दिलीप घोष के बयान पर पार्टी की ओर से सफाई देते हुए ट्विटर पर लिखा था, 'दिलीप घोष ने जो कुछ भी कहा है, उससे भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. यह उनकी काल्पनिक सोच है. उत्तर प्रदेश और असम में भाजपा सरकार कभी भी किसी भी वजह से लोगों को गोली नहीं मारती है.' उन्होंने ट्वीट किया, 'यह दिलीप घोष का बेहद गैर-जिम्मेदाराना बयान है.'
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