
- ओडिशा के मयूरभंज में एक महिला टीचर ने 31 बच्चों को पैर न छूने पर बेरहमी से पीटा था.
- घटना शनिवार सुबह प्रार्थना के बाद हुई जब छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों ने टीचर के पैर नहीं छुए थे.
- पिटाई में दो बच्चों को चोटें आईं, जिन्हें इलाज के लिए बेतनोती अस्पताल में भर्ती कराया गया.
ओडिशा के मयूरभंज में एक ऐसी घटना हुई जो आपका सिर शर्म से झुका देगी. हैरानी की बात है कि इस घटना के पीछे जिम्मेदार वह टीचर है जो आपको जीवन के मूल्यों के बारे में बताता है. लेकिन एक ऐसी गलती पर आपा खो बैठा जिसे शायद सुधारा जा सकता था. यहां पर एक महिला टीचर ने 31 बच्चों को बहुत ही बेरहमी से मारा और इन बच्चों का कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने उनके पैर नहीं छुए थे. घटना शनिवार यानी 13 सितंबर की है जब सुबह प्रार्थना के समय छात्र, टीचर के पैर छूना भूल गए थे.
बच्चों को आई चोट
बेसिक शिक्षा अधिकारी (BEO) बिप्लब ने मीडिया को इस बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मॉर्निंग एसेंबली के बाद सभी बच्चे अपनी-अपनी क्लास में चले गए थे. लेकिन बताया जा रहा है कि छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों ने टीचर के पैर नहीं छुए. जिन बच्चों ने टीचर के पैर नहीं हुए थे, उन्हें टीचर ने बेंत से बेदर्दी से पीटा है. टीचर ने बताया कि उसकी पिटाई में एक लड़के और लड़की को चोट आई है.
प्रधानाचार्य ने दी जानकारी
जब सजा पाए छात्रों के अभिभावकों को इस घटना का पता लगा तो वो स्कूल पहुंच गए. उनकी मांग है कि टीचर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. घायल छात्रों को इलाज के लिए बेतनोती अस्पताल में भर्ती कराया गया. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा, 'जैसे ही प्रधानाचार्य पूर्णचंद्र ओझा ने घटना के बारे में जानकारी दी, हम तुंरंत ही स्कूल पहुंच गए. हमारे साथ में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य और क्लस्टर रिसोर्स सेंटर को-ऑर्डिनेटर (सीआरसीसी) देबाशीष साहू भी थे. इन्होंने पूरे मामले की पड़ताल की.'
अधिकारी बिप्लब के अनुसार उन्होंने घायल छात्रों से मुलाकात भी की और उनके बयान दर्ज किए . BEO बिप्लब के अनुसार शुरुआती जांच के अनुसार उन्होंने तुरंत एक्शन लिया और टीचर कसे सस्पेंड कर दिया. जबकि जांच अभी जारी है.
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