
ओडिशा के पुरी जिले में आग के हवाले की गई 16 वर्षीय लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है. उसका यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज किया जा रहा है, अस्पताल ने बुधवार को यह जानकारी दी. एम्स दिल्ली ने एक बयान में यह भी कहा कि गंभीर रूप से झुलसे हुए हिस्से के इलाज के लिए लड़की की सर्जरी की गई है. बयान में कहा गया है, 'वह फिलहाल ऑक्सीजन सपोर्ट पर है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
एम्स ने दी ये जानकारी
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (AIIMS) दिल्ली ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि 16 वर्षीय लड़की का शरीर 75 फीसद जल चुका है. उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. उसे 20 जुलाई को AIIMS भुवनेश्वर से एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया था, जहां उसे बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया. AIIMS मीडिया सेल के अनुसार, लड़की की सर्जरी की गई है और वह फिलहाल ऑक्सीजन सपोर्ट पर है. डॉक्टरों की एक डेडिकेटिड टीम उसकी स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए है.
बदमाशों ने पेट्रोल डालकर जलाया
पुलिस ने बताया कि शनिवार को मोटरसाइकिल सवार तीन युवकों ने लड़की को रोक लिया और उसे बलंगा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बयाबर गांव के पास भार्गवी नदी के किनारे जबरन ले गए, उस पर ज्वलनशील पदार्थ डाला और आग लगा दी. यह भयावह घटना 19 जुलाई की सुबह हुई, जब नाबालिग लड़की पर तीन हमलावरों ने आग लगा दी. गंभीर रूप से झुलसने के बावजूद, पीड़िता पास के एक घर में शरण लेने में कामयाब रही. स्थानीय लोगों ने किसी तरह उसे बचाया और पिपिली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया. बाद में उसे एम्स भुवनेश्वर रेफर कर दिया गया और फिर बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट करके एम्स दिल्ली ले जाया गया.
सीएम ने दिया मदद का भरोसा
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पीड़िता और उसके परिवार को पूर्ण समर्थन और मेडिकल सहायता का भरोसा दिलाया है. साथ ही उन्होंने भगवान जगन्नाथ से पीड़िता के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना भी की. तत्परता दिखाते हुए, ओडिशा पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. एसआईटी को जांच में तेजी लाने और आरोपियों की जल्द से जल्द पहचान करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा के-9 यूनिट्स सहित वैज्ञानिक टीमों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है, जबकि वरिष्ठ अधिकारी लगातार मामले पर नजर रखे हुए हैं.
कुछ दिनों पहले ही लड़की के आत्मदाह का मामला भी आया
कुछ दिनों पहले ही ओडिशा के बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की द्वितीय वर्ष की इंटीग्रेटेड बीएड छात्रा ने 12 जुलाई को प्रधानाचार्य के कक्ष से बाहर निकलने के कुछ ही देर बाद खुद को आग लगा ली थी. उसने प्रोफेसर के खिलाफ अपनी शिकायत पर कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था. बीस वर्षीय छात्रा 95 प्रतिशत झुलस गई थी और 14 जुलाई की रात को एम्स भुवनेश्वर में उसकी मौत हो गई थी.
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