किसानों के दिल्ली मार्च (Farmers Delhi March) को लेकर सोमवार को दिनभर पुलिस प्रशासन की सांसें अटकी रहीं. किसान दादरी-नोएडा लिंक रोड पर महामाया फ्लाईओवर पर एकत्र हुए और सुबह करीब 11.30 बजे अपना मार्च शुरू किया. पुलिस ने कई जगहों पर बैरिकेड लगाए और भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई. इसके चलते दिल्ली-नोएडा सीमा पर भारी जम लग गया. हालांकि किसानों ने एक हफ्ते के लिए अपना आंदोलन टाल दिया है, लेकिन इस दौरान किसान दलित प्रेरणा स्थल के अंदर ही रुकेंगे. एनडीटीवी की ग्राउंड रिपोर्ट में जानते हैं कि किसानों का आगे का क्या प्लान है और आज दिनभर में क्या हुआ.
प्रशासन को दिया एक हफ्ते का वक्त
किसानों ने अपने आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. सभी प्राधिकरण और जिला प्रशासन को हफ्ते भर का वक्त दिया गया है. यदि एक हफ्ते में उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो किसान एक बार फिर 'दिल्ली कूच' करेंगे. इस अवधि के दौरान किसान वापस नहीं लौटेंगे. वह दलित प्रेरणा स्थल के ही रुकेंगे.
प्रदर्शन के दौरान किसानों और प्राधिकरण के अधिकारियों के बीच लंबी बातचीत हुई. ग्रेटर नोएडा, नोएडा, यमुना प्राधिकरण ने किसानों से एक हफ्ते का समय मांगा है और इस दौरान उनकी समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है.
बताया जा रहा है कि यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया है कि किसानों की मांगों को राज्य के मुख्य सचिव के सामने रखा जाएगा.
जबरदस्त तैयारी के साथ आए हैं किसान
किसानों की आंदोलन को लेकर जबरदस्त तैयारी है. किसान हर स्थिति के लिए तैयार होकर पहुंचे हैं. दलित प्रेरणा स्थल पर पहुंची एनडीटीवी की टीम ने किसानों की तैयारी के बारे में बातचीत की. किसान कई दिनों का राशन और पानी लेकर आए हैं. साथ ही मौके पर रोटी पकाने के लिए तंदूर और सब्जियों की भी पूरी व्यवस्था है. मौके पर कई बोरियों में भरकर पानी के छोटे-छोटे पाऊच भी लाए गए हैं.
इस आंदोलन में पुरुष किसानों के साथ ही महिला किसान भी बड़ी संख्या में पहुंची हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभन्न जिलों से पहुंची इन महिला किसानों ने कहा कि कहा कि यह आंदोलन हमारी मजबूरी है और यह मजबूरी उनके (प्रशासन) के कारण हैं.
महिलाओं ने कहा कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाती है, तब तक हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे. हम हर चीज की तैयारी करके आए हैं. उन्होंने कहा कि चक्की-चूल्हा, कपड़े वगैरह हम सब कुछ अपने साथ लेकर आए हैं.
उधर, किसानों के सात दिन का अल्टीमेटम देने और दलित प्रेरणा स्थल पर रुकने की घोषणा के बाद लोगों को जाम से मुक्ति मिली. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात सुचारू हो गया है. उससे पहले करीब चार-पांच घंटे तक लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझना पड़ा. वहीं चिल्ला बॉर्डर पर भी यातायात जाम की समस्या खत्म हो गई है.
ये हैं किसानों की मांगें :
- पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए.
- 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20% प्लॉट दिया जाए.
- भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास का लाभ दिया जाए.
- हाई पावर कमेटी द्वारा पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए.
- आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाना चाहिए.
किसानों का मार्च, पुलिस से भी हुई झड़प
भारतीय किसान परिषद के मुताबिक, मार्च में अलीगढ़ और आगरा सहित उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के किसानों ने हिस्सा लिया. विभिन्न किसान समूहों के बैनर और झंडे लेकर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने नोएडा पुलिस द्वारा लगाए गए शुरुआती बैरिकेड को पार कर लिया. कुछ लोग बैरिकेड पर चढ़ गए, जबकि अन्य ने उन्हें धक्का दिया.
हालांकि पुलिस ने किसानों को चिल्ला बॉर्डर से करीब एक किलोमीटर दूर नोएडा लिंक रोड पर दलित प्रेरणा स्थल के पास रोक दिया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की.
थम गया यातायात, जगह-जगह लगा भारी जाम
किसानों के विरोध प्रदर्शन और पुलिस जांच के कारण चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी फ्लाईवे, दिल्ली गेट और कालिंदी कुंज से गुजरने वाले यात्रियों को घंटों भारी जाम का सामना करना पड़ा. कई यात्रों को घंटों तक जाम में फंसा रहना पड़ा. पुलिस की ओर से दिल्ली-नोएडा सीमा के दोनों ओर बैरिकेड लगाये गए. इसके चलते यातायात जाम हो गया. सबसे ज्यादा परेशानी नोएडा से दिल्ली की ओर जाने वाले लोगों को हुई.
भारी जाम से बचने के लिए कई यात्रियों ने अपने निजी वाहनों की अपेक्षा मेट्रो के सफर को तरजीह दी. बहुत से लोग गूगल मैप पर जाम की स्थिति देखकर घर से निकले और वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल किया. नोएडा पुलिस की ओर से रविवार को ट्रैफिक एडवायजरी जारी की गई थी, जिसमें आम लोगों को मार्ग के बंद होने और मार्ग परिवर्तन की सूचना दी गई थी. बहुत से लोगों को यह जानकारी काम आई.
नोएडा पुलिस के साथ ही दिल्ली पुलिस भी किसानों को रोकने के लिए पूरी तैयारी की थी. दिल्ली पुलिस ने भी नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला बार्डर पर, डीएनडी फ्लाईवे और कालिंदी कुंज सीमा पर कई बैरिकेड लगाए. साथ ही सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेतृत्व में पंजाब के किसानों के एक समूह ने छह दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च का आह्वान किया है. यह समूह 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए है.
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